अमेठी, 23 अक्टूबर: अमेठी तहसील परिसर में बुधवार दोपहर को समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता शिव प्रताप यादव के बेटे और उनके साथियों द्वारा पूर्व ग्राम प्रधान और उनके बेटे की पिटाई का मामला सामने आया है। यह घटना तहसील परिसर में सीओ ऑफिस के बाहर घटी, जहां भारी संख्या में पुलिसकर्मी और लोग मौजूद थे। इसके बावजूद, सपा नेता के रसूख के चलते मौके पर कोई भी हस्तक्षेप करने की हिम्मत नहीं जुटा सका। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
घटना का विस्तृत विवरण
मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व ग्राम प्रधान रामजस यादव अपने बेटे के साथ एक मुकदमे के सिलसिले में अमेठी तहसील आए थे। उनका बेटा नायब तहसीलदार के कोर्ट के पास खड़ा था, तभी सपा नेता शिव प्रताप यादव वहां पहुंचे। आरोप है कि शिव प्रताप ने उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां दीं और अपनी लाइसेंसी पिस्टल निकालकर जान से मारने की धमकी दी। इस घटना के बाद ही उन्होंने उनके बेटे पर हमला शुरू कर दिया।
कुछ ही देर बाद, शिव प्रताप यादव के बेटे प्रदीप यादव अपने कुछ साथियों के साथ वहां पहुंच गए और उन्होंने रामजस यादव और उनके बेटे की बुरी तरह पिटाई कर दी। घटना के वक्त वहां काफी संख्या में लोग मौजूद थे, लेकिन सपा नेता के प्रभाव के कारण कोई भी बीच-बचाव करने की हिम्मत नहीं कर सका। इस मारपीट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, लेकिन इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं की गई है।
पूर्व प्रधान रामजस यादव का कहना है कि वह पिछले 10 वर्षों से ग्राम प्रधान रहे हैं। हालांकि, जब से सपा नेता शिव प्रताप यादव प्रधान बने हैं, तबसे सरकारी जमीनों, तालाबों और आबादी की भूमि पर कब्जा कर रहे हैं। रामजस यादव ने कई बार इसकी शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। रामजस का आरोप है कि सपा नेता की दबंगई और राजनीतिक रसूख के चलते प्रशासन उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रहा है।
गौरतलब है कि सपा नेता शिव प्रताप यादव की बहू अर्चना यादव गंगौली गांव की वर्तमान ग्राम प्रधान हैं। रामजस यादव का यह भी कहना है कि शिव प्रताप ने 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान समाजवादी पार्टी से टिकट मांगा था, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। इसके बाद से ही दोनों परिवारों के बीच राजनीतिक दुश्मनी की खबरें सामने आती रही हैं।
घटना के दौरान पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बावजूद किसी ने भी सपा नेता और उनके बेटे की दबंगई को रोकने की कोशिश नहीं की। इससे यह सवाल उठता है कि क्या अमेठी में कानून-व्यवस्था सपा नेताओं के प्रभाव के आगे कमजोर हो चुकी है? पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता ने स्थानीय लोगों के बीच भी नाराजगी पैदा कर दी है।
वहीं, इस घटना के बाद पूर्व प्रधान रामजस यादव ने अमेठी कोतवाली में तहरीर देकर मामले में कार्रवाई की मांग की है। तहरीर में उन्होंने सपा नेता शिव प्रताप यादव, उनके बेटे प्रदीप यादव और उनके साथियों पर जानलेवा हमले और धमकी देने के आरोप लगाए हैं। रामजस यादव ने पुलिस से इस मामले में निष्पक्ष जांच और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
अमेठी में इस घटना के बाद स्थानीय राजनीति में खलबली मच गई है। लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि क्या इस घटना में सपा नेता के खिलाफ कार्रवाई होगी या फिर राजनीतिक दबाव के चलते मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सपा नेता का रसूख इतना ज्यादा है कि पुलिस और प्रशासन उनके खिलाफ कोई कदम उठाने से कतराता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाती है। क्या सपा नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी या फिर न्याय की उम्मीद मात्र एक सपना बनकर रह जाएगी?
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर जबरदस्त प्रतिक्रिया आ रही है। लोग सपा नेता की दबंगई और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं। कई लोग इस घटना को राजनीति और अपराध के गठजोड़ का उदाहरण बता रहे हैं, जहां सत्ता में बैठे लोग कानून को अपने हाथों में लेकर आम नागरिकों का शोषण कर रहे हैं।
अमेठी की इस घटना ने न केवल स्थानीय राजनीति को हिला कर रख दिया है, बल्कि यह सवाल भी खड़े कर दिए हैं कि क्या कानून-व्यवस्था पर सत्ताधारी नेताओं का प्रभाव इतना ज्यादा हो गया है कि वे खुलेआम अपनी ताकत का दुरुपयोग कर सकते हैं? यह मामला इस बात का प्रतीक है कि अगर समय रहते इस पर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति हो सकती है। अब देखना यह है कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या पीड़ितों को न्याय मिल पाएगा?

