गोण्डा, 19 अक्टूबर। नगर के पोर्टरगंज में स्थित बालगृह (बालिका) के संरक्षण में रह रही 25 बालिकाओं के लिए शनिवार का दिन विशेष था, जब उन्हें स्वामी नरायन छपिया मंदिर के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को समझने का अवसर प्राप्त हुआ। इस अवसर का आयोजन महिला कल्याण विभाग द्वारा किया गया था, जिसका उद्देश्य बालिकाओं को समाज के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर से रूबरू कराना और उनके जीवन में आस्था और संस्कारों का बीजारोपण करना था।
शनिवार की सुबह मंडलीय आकांक्षा समिति की अध्यक्ष गरिमा भूषण और गोण्डा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बालिकाओं को लेकर जा रही बस को हरी झंडी दिखाकर मंदिर भ्रमण के लिए रवाना किया। यह अवसर बालिकाओं के लिए बेहद खुशी और उमंग से भरा था। बालिकाओं की मुस्कान और उनकी चमकती आंखों से उनकी उत्सुकता साफ झलक रही थी। यह यात्रा उनके लिए न केवल धार्मिक, बल्कि उनके मानसिक और सांस्कृतिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होने वाली थी।
यात्रा की शुरुआत: मंगलकामनाएं और शुभकामनाएं
मंडलीय आकांक्षा समिति की अध्यक्ष गरिमा भूषण ने बालिकाओं को यात्रा की शुभकामनाएं दीं और उन्हें इस अवसर का भरपूर आनंद उठाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “इस प्रकार के धार्मिक स्थलों का भ्रमण न केवल आध्यात्मिक शांति और आनंद प्रदान करता है, बल्कि यह हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर से भी जोड़ता है। बालिकाओं के जीवन में ऐसे अनुभव उन्हें जीवन की चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाएंगे।”
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने यात्रा की सफलता और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बालिकाओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि यात्रा के दौरान कोई असुविधा न हो।
बालिकाओं की सुरक्षित यात्रा: सतर्कता और देखभाल
सभी 25 बालिकाओं की सुरक्षा और उनकी सुविधा के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए थे। बस रवानगी के समय जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी, जिला सूचना अधिकारी अनिल कुमार, केस वर्कर हितेश भारद्वाज सहित अन्य अधिकारियों की उपस्थिति ने यह सुनिश्चित किया कि यात्रा की शुरुआत सुचारू रूप से हो। बस में बालिकाओं की देखरेख और मार्गदर्शन के लिए संरक्षण अधिकारी चंद्रमोहन वर्मा, नेहा श्रीवास्तव, चाइल्ड हेल्पलाइन प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर आशीष मिश्रा, डिप्टी कार्यालय से हेमंत कुमार, अधीक्षिका अर्चना श्रीवास्तव और सपना श्रीवास्तव भी साथ थे। इनके अलावा एडॉप्शन ऑफिसर प्रदीप जायसवाल, पैरामेडिकल स्टाफ आशू सोनी, सुधा श्रीवास्तव, सुनीता यादव और महिला आरक्षी बेबी भी यात्रा के दौरान बालिकाओं की देखभाल के लिए मौजूद रहे।
स्वामी नरायन छपिया मंदिर: सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर
स्वामी नरायन छपिया मंदिर उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जिसे भगवान स्वामी नरायन के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति और इतिहास का भी महत्वपूर्ण केंद्र है। मंदिर की भव्यता और इसका धार्मिक महत्व भक्तों को अध्यात्मिक शांति और आत्मिक संतोष प्रदान करता है।
बालिकाओं को मंदिर भ्रमण के दौरान इस स्थल के इतिहास और धार्मिक महत्व से अवगत कराया गया। उन्हें यह भी बताया गया कि स्वामी नरायन ने कैसे समाज में शांति, प्रेम और सहिष्णुता का संदेश फैलाया। मंदिर के आंगन में बालिकाओं ने ध्यान और प्रार्थना की, जिससे उन्हें एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त हुआ।
सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था का निरीक्षण
भ्रमण के दौरान प्रशासन की सतर्कता भी देखने को मिली। छपिया मंदिर पहुंचने के बाद उपजिलाधिकारी और प्रभारी खण्ड विकास अधिकारी पुरूणेन्द्र मिश्र ने यात्रा की सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। थानाध्यक्ष कृष्ण गोपाल राय और ग्राम पंचायत सचिव संजय जायसवाल भी मौके पर उपस्थित थे और उन्होंने भ्रमण कार्यक्रम के संचालन की निगरानी की।
इन अधिकारियों ने सुनिश्चित किया कि बालिकाओं के लिए सभी सुरक्षा उपाय किए गए हैं और उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। प्रशासन ने इस यात्रा को बालिकाओं के लिए यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
बालिकाओं के चेहरे पर खुशी
बालिकाओं के लिए यह यात्रा एक नई दुनिया को देखने और समझने का अवसर था। बालिकाओं ने मंदिर के आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य का भी भरपूर आनंद लिया। मंदिर की भव्यता और उसकी पवित्रता ने बालिकाओं के मन में अध्यात्म और धर्म के प्रति एक नई सोच पैदा की। बालिकाओं ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि यह यात्रा उनके जीवन का एक यादगार अनुभव है, जिसने उन्हें न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से समृद्ध किया, बल्कि उन्हें समाज और संस्कृति के बारे में भी नई जानकारियां मिलीं।
बालिकाओं में से एक, 14 वर्षीय अंजली ने कहा, “यह मंदिर बहुत सुंदर है। यहां आकर हमें बहुत अच्छा लगा। हमने भगवान स्वामी नरायन की पूजा की और उनके बारे में बहुत कुछ सीखा।” इसी प्रकार अन्य बालिकाओं ने भी इस यात्रा को अपने जीवन का एक अनमोल अनुभव बताया।
अधिकारियों की भूमिका और समर्थन
इस पूरे कार्यक्रम के सफल आयोजन में महिला कल्याण विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण रही। जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी और उनकी टीम ने बालिकाओं के लिए इस यात्रा को सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष प्रयास किए। संतोष कुमार ने बताया कि इस प्रकार की यात्राएं बालिकाओं के मानसिक और सांस्कृतिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम
यह भ्रमण केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं थी, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम था। बालिकाओं को यह अहसास कराया गया कि वे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उनके अधिकारों और अवसरों की समानता का समाज में सम्मान होना चाहिए।
मंडलीय आकांक्षा समिति की अध्यक्ष गरिमा भूषण और जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने इस यात्रा को महिलाओं और बालिकाओं के अधिकारों को मजबूत करने के एक अवसर के रूप में देखा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियां बालिकाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में मदद करती हैं।
गरिमा भूषण ने कहा, “बालिकाओं को इस प्रकार की यात्राओं से नई चीजें सीखने का मौका मिलता है। यह न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है, बल्कि उन्हें जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी भी देता है।”
महिला कल्याण विभाग द्वारा इस प्रकार के आयोजनों को और बढ़ावा देने की योजना बनाई जा रही है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि भविष्य में भी बालिकाओं के लिए इसी प्रकार के शैक्षणिक और सांस्कृतिक भ्रमणों का आयोजन किया जाएगा, जिससे वे समाज के विभिन्न पहलुओं को समझ सकें और उनका सर्वांगीण विकास हो सके।
इसके अलावा, महिला सशक्तिकरण के विभिन्न कार्यक्रमों के तहत बालिकाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक जागरूकता के क्षेत्रों में भी प्रोत्साहित किया जाएगा। महिला कल्याण विभाग का यह प्रयास है कि बालिकाएं अपने जीवन में आत्मनिर्भर बनें और समाज में अपना एक मजबूत स्थान बना सकें।
बालिकाओं का यह छपिया मंदिर भ्रमण न केवल एक धार्मिक यात्रा थी, बल्कि यह उनके जीवन के लिए एक अनमोल अनुभव था। इस यात्रा के माध्यम से बालिकाओं को समाज, संस्कृति, और धर्म के बारे में नई जानकारियां मिलीं। इसके साथ ही, इस आयोजन ने यह साबित किया कि महिला सशक्तिकरण और बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिए इस प्रकार की गतिविधियां बेहद महत्वपूर्ण हैं।
महिला कल्याण विभाग और सभी संबंधित अधिकारियों के प्रयासों से यह कार्यक्रम सफल रहा और बालिकाओं को एक ऐसा अनुभव मिला, जो उनके जीवन को दिशा देने में मदद करेगा।

