
गोंडा 19 अक्टूबर। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने हाल ही में घटिया हाई मास्क लाइट सप्लाई करने वाली फर्मों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए एक बड़ी कार्यवाही की है। यह कदम जिले में घटिया गुणवत्ता की लाइटिंग सामग्री की सप्लाई के मामले में आया है। इसके अलावा, विद्युत विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर एक समिति का गठन किया जाएगा, जो इस मामले की गहन जांच करेगी।
घटिया लाइट सप्लाई का मामला
गोंडा जिले में हाल के वर्षों में हाई मास्क लाइटिंग के लिए विभिन्न फर्मों द्वारा सप्लाई की गई सामग्री की गुणवत्ता में गिरावट आई है। कई बार शिकायतें प्राप्त हुईं थीं कि इन लाइटों की चमक कम थी और उनकी स्थायित्व भी सवालों के घेरे में थी।
इस संदर्भ में, प्रभात भारत समाचार पत्र ने प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद जिलाधिकारी ने इसका संज्ञान लिया। उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, कई ठेकेदारों ने घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया, जिससे न केवल सरकारी धन की बर्बादी हुई, बल्कि जनहित को भी नुकसान पहुंचा।
कार्यवाही की रूपरेखा
जिलाधिकारी ने इस मामले में कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस प्रकार की घटिया सामग्री की सप्लाई करने वाली फर्मों और उनके ठेकेदारों को तुरंत ब्लैकलिस्ट किया जाए। इसके साथ ही, जिलाधिकारी ने यह भी कहा है कि इन ठेकेदारों से वसूली की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
समिति का गठन: विद्युत विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर एक समिति का गठन किया जाएगा, जो न केवल वर्तमान मामलों की जांच करेगी बल्कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी उपाय भी सुझाएगी। यह समिति यह सुनिश्चित करेगी कि केवल मान्यता प्राप्त और गुणवत्ता वाली सामग्री का ही इस्तेमाल हो।
संबंधित अधिकारियों की प्रतिक्रिया
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा, “हम किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार और घटिया कार्यप्रणाली को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारे लिए जनहित सबसे महत्वपूर्ण है। इस प्रकार के घोटालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का हमारा इरादा स्पष्ट है।”
इसके अलावा, विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता ने कहा कि हम सभी ठेकेदारों और सप्लायरों की जांच करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े।
ब्लैकलिस्टिंग की प्रक्रिया
ब्लैकलिस्टिंग की प्रक्रिया में उन फर्मों और ठेकेदारों का नाम शामिल किया जाएगा जो नियमों का उल्लंघन करते हुए घटिया सामग्री सप्लाई करने में संलग्न पाए जाएंगे। इससे यह संदेश जाएगा कि प्रशासन इस प्रकार के भ्रष्टाचार को सहन नहीं करेगा और जो भी इसमें लिप्त होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी ने यह भी घोषणा की कि सभी सरकारी परियोजनाओं के लिए गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। इस प्रकार की समस्याओं से बचने के लिए, ठेकेदारों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएंगे कि उन्हें केवल प्रमाणित और उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का ही इस्तेमाल करना होगा।
गोंडा जिले में जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा उठाए गए ये कदम निश्चित रूप से भ्रष्टाचार और घटिया कार्यप्रणाली के खिलाफ एक महत्वपूर्ण पहल हैं। प्रशासन की इस तत्परता से न केवल सरकारी धन की बर्बादी को रोका जा सकेगा, बल्कि स्थानीय नागरिकों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
इस कार्यवाही का उद्देश्य सिर्फ एक ठेकेदार या फर्म पर कार्रवाई करना नहीं है, बल्कि एक संदेश देना है कि प्रशासन स्थानीय विकास में गुणवत्ता और पारदर्शिता को प्राथमिकता देगा। जब भी कोई व्यक्ति या संस्था अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतेगी, प्रशासन उसे बख्शेगा नहीं।