प्रदेश को गरीबी मुक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वपूर्ण योजना: सबसे गरीब परिवारों का चयन 25 अक्टूबर से
लखनऊ, 19 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश को गरीबी मुक्त बनाने के लिए एक बड़ी पहल शुरू की है, जिसके तहत सबसे गरीब परिवारों के चयन की प्रक्रिया 25 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है। यह कदम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को की गई घोषणा के बाद लिया गया है, जिसमें उन्होंने अगले एक साल में राज्य को गरीबी से मुक्त करने का लक्ष्य रखा था। इस ऐतिहासिक प्रयास का उद्देश्य गरीबों को आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाना है, जिससे उनका जीवन स्तर ऊंचा उठ सके।
मुख्यमंत्री की घोषणा: गरीबी मुक्त उत्तर प्रदेश का सपना
2 अक्टूबर, गांधी जयंती के अवसर पर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की, जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अगले एक साल के भीतर 78 जिलों को गरीबी मुक्त करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इस योजना के तहत, राज्य के सबसे गरीब परिवारों की पहचान कर उन्हें सरकारी सहायता, योजनाओं और सुविधाओं का लाभ दिलाया जाएगा, ताकि उनकी गरीबी का अंत हो सके। यह पहल राज्य के समग्र विकास और सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसका उद्देश्य गरीबों को मुख्यधारा में लाना है।
प्रगणकों का चयन और प्रक्रिया की शुरुआत
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस योजना की जानकारी देते हुए बताया कि 25 अक्टूबर से सबसे गरीब परिवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस कार्य के पहले चरण में खंड विकास अधिकारियों ने 57,000 ग्राम पंचायतों के लगभग 1.81 लाख प्रगणकों का डाटा पोर्टल पर अपलोड कर दिया है। इसके साथ ही, करीब 2.7 लाख लोगों के नाम सत्यापन के लिए अपलोड किए गए हैं।
इस योजना के तहत सबसे छोटे और गरीब परिवारों की पहचान की जाएगी, और इसके लिए पंचायत सहायक, रोजगार सेवक, समूह सखी, बीसी सखी, तथा अन्य सामुदायिक संवर्ग के लोगों को प्रगणक बनाया गया है। ये प्रगणक गांव-गांव जाकर गरीब परिवारों की जानकारी इकट्ठा करेंगे और इसे पोर्टल पर अपलोड करेंगे।
मुख्य सचिव ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए निर्देश दिए हैं कि प्रगणकों के चयन की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इसके लिए उन्होंने एक सप्ताह की समयसीमा तय की है। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व पी. गुस्मसद, प्रमुख सचिव पशुपालन खिन्द्र नायक, सचिव कृषि अनुराग यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
यूनिक आईडी और सीएम हेल्थलाइन से मैपिंग
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने यह भी जानकारी दी कि जिन लोगों ने केस दर्ज कराया है, उन्हें यूनिक आईडी प्रदान की गई है, जिससे उनकी पहचान और सत्यापन की प्रक्रिया को सरल और तेज बनाया जा सके। इसके साथ ही, सभी बीडीओ (खंड विकास अधिकारी) को सीएम हेल्थलाइन से मैप किया गया है, ताकि जरूरतमंद लोगों की समस्याओं का समाधान तेजी से हो सके और उन्हें सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ मिल सके।
यह यूनिक आईडी प्रणाली राज्य में पहली बार इस प्रकार से लागू की जा रही है, जिसका उद्देश्य यह है कि गरीब परिवारों की पहचान में किसी प्रकार की धांधली या असमानता न हो। यूनिक आईडी के माध्यम से हर गरीब परिवार का डाटा सुरक्षित रहेगा, और इसे बाद में अन्य सरकारी योजनाओं में भी उपयोग किया जा सकेगा।
गरीब परिवारों का चयन, एक महत्वपूर्ण कदम
इस अभियान के तहत राज्य सरकार सबसे पहले उन परिवारों की पहचान करेगी जो अत्यधिक गरीब हैं और जिनके पास आधारभूत सुविधाओं की कमी है। इसके लिए प्रगणक गांवों में जाकर हर परिवार की आर्थिक स्थिति, रोजगार, आय, और अन्य सामाजिक-आर्थिक कारकों का अध्ययन करेंगे। इस अध्ययन के आधार पर सबसे गरीब परिवारों की सूची बनाई जाएगी और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
चयन की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ संचालित करने के लिए राज्य सरकार ने कई तकनीकी उपाय भी अपनाए हैं। प्रगणकों द्वारा एकत्रित की गई जानकारी को एक केंद्रीकृत पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा, जिसे उच्च स्तर पर निगरानी की जाएगी। इस प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
गरीबी उन्मूलन सरकार की प्रतिबद्धता
उत्तर प्रदेश सरकार इस अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि यह योजना केवल एक साल का अभियान नहीं है, बल्कि यह राज्य के गरीब और वंचित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक दीर्घकालिक प्रयास है। सरकार ने गरीबों को मुख्यधारा में लाने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जिनमें आवास योजना, रोजगार योजना, और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शामिल हैं।
इस नई योजना के तहत, राज्य के गरीब परिवारों को रोजगार के अवसर, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, और अन्य बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही, राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि गरीबों को विभिन्न योजनाओं का लाभ आसानी से मिले, और उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
जिलों में लागू होगी चयन प्रक्रिया
प्रदेश के 78 जिलों में यह चयन प्रक्रिया एक साथ शुरू की जाएगी। इसमें हर जिले के जिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी, और अन्य सरकारी अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। जिलों में ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं के सहयोग से यह योजना क्रियान्वित की जाएगी, और इसमें स्थानीय समुदायों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिया है कि जिन जिलों में गरीब परिवारों की संख्या अधिक है, वहां इस प्रक्रिया को विशेष ध्यान से संचालित किया जाए। राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि गरीबों की पहचान में किसी भी प्रकार की पक्षपात या भेदभाव न हो, और हर जरूरतमंद परिवार को सरकारी सहायता मिले।
एकीकृत पोर्टल की भूमिका
चयन प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए राज्य सरकार ने एक विशेष पोर्टल विकसित किया है। इस पोर्टल पर हर प्रगणक द्वारा एकत्र की गई जानकारी अपलोड की जाएगी, और यह डाटा पूरी तरह से सुरक्षित और गोपनीय रहेगा। पोर्टल पर अपलोड किए गए डाटा का सत्यापन भी ऑनलाइन होगा, जिससे किसी प्रकार की गलती की गुंजाइश कम हो जाएगी।
यह पोर्टल राज्य के सभी जिलों में लागू किया जाएगा, और इससे सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे गरीबों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। पोर्टल के माध्यम से हर गरीब परिवार की यूनिक आईडी बनाई जाएगी, जो उन्हें विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ पाने में मदद करेगी।
भविष्य की योजनाएं
यह चयन प्रक्रिया केवल पहला कदम है। एक बार गरीब परिवारों की पहचान हो जाने के बाद, सरकार उनकी मदद के लिए विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे उन तक पहुंचाएगी। इनमें आवास, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, और अन्य बुनियादी सुविधाएं शामिल होंगी।
इसके अलावा, राज्य सरकार ने यह भी योजना बनाई है कि गरीबों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं। इसके लिए सरकार विशेष ऋण योजनाएं भी शुरू करेगी, जिससे गरीब परिवार खुद को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि राज्य को गरीबी मुक्त बनाना उनका सबसे बड़ा सपना है, और इसे पूरा करने के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने राज्य के सभी अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे इस योजना को सफल बनाने के लिए पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम करें।
प्रभात भारत विशेष
उत्तर प्रदेश को गरीबी मुक्त बनाने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सपना अब साकार होता दिख रहा है। 25 अक्टूबर से शुरू हो रही सबसे गरीब परिवारों की चयन प्रक्रिया राज्य में गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक बड़ा कदम है। राज्य सरकार की यह योजना गरीबों को मुख्यधारा में लाने और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

