
गोंडा (अतुल यादव)। मां बाप के मेहनत की कमाई बच्चों ने खेल खेलकर उड़ाई जी हां आजकल कई ऐसे गेम आ गए हैं जिनके कारण से नाबालिग नासमझ और कई ऐसे हैं जिनकी उम्र तो 12 वर्ष से भी कम है ऐसे बच्चे गेम को खेल कर अपने माता-पिता के लाखों रुपए खर्च कर दे रहे हैं जिनकी भनक भी उनके माता-पिता को नहीं लग पाती है और जब बैंक जाते हैं पैसे निकालने तो पता चलता है कि उनकी मेहनत की कमाई तो सारी गायब हो चुकी है पहले उन्हें अंदेशा होता है कि उनके बैंक अकाउंट को हैक कर सारा पैसा निकाला गया होगा जिसके बाद पुलिस शिकायत होती है और पुलिस जांच के बाद पता चलता है कि उन्हीं के बेटे का यह कमाल है वह बेटा जिसके भविष्य के लिए उन्होंने उस पैसे को बचाया था अब शिकायत पुलिस के पास है तो पुलिस ने भी सभी ट्रांजैक्शन की जांच की तो पता चला कि फ्री फायर गेम में गोंडा के 10 से 18 साल के उम्र के कई बच्चों ने डायमंड के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर दिए हैं
इन बच्चों मैं एक की उम्र 12 वर्ष से नीचे है और एक 14 साल के हैं जिन उम्र में इनके हाथ में किताब होनी चाहिए थी उस उम्र में लॉकडाउन की बदौलत हाथों में मोबाइल है अभिभावकों ने अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए मोबाइल दिए नेट कनेक्शन भी दिए लेकिन अब बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं या क्या कर रहे हैं इसकी निगरानी ना कर पाने के कारण आज छोटे बच्चे एक बड़े मकड़जाल में फंसते चले जा रहे हैं और इस मकड़जाल का नाम है फ्री फायर इन दोनों बच्चों ने क्रमश: ₹7000 और ₹90000 फ्री फायर गेम में अपने माता-पिता को बिना बताए उनके खून पसीने की कमाई को उड़ा दिया और इस गेम में उन्होंने खरीदा भी क्या आपको बता दें कि इस गेम में दिखाए जा रहे अभिनय कर रहे कार्टून के कपड़े के लिए उनके हथियार के लिए डायमंड देने पड़ते हैं और इन डायमंड को बच्चे या खेलने वाले पैसे से खरीदते हैं अपने माता-पिता के यूपीआई और गूगल पर के पासवर्ड जानकर इन बच्चों ने इस गेम में पेमेंट कर दिया अब जब स्कूल खुलने वाले हैं तो कॉपी किताब और एडमिशन फीस की जरूरत पड़ने लगी माताजी जब बैंक गई तब पता चला कि उनके खाते से तो रुपए ही उड़ गए हैं साइबर क्राइम का अंदेशा पाकर पुलिस में शिकायत की पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि उन्हीं के मोबाइल के आईपी ऐड्रेस से फ्री फायर नाम के गेम में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं बच्चों का कहना है कि उन्हें अपने दोस्तों और अन्य लोगों से इस गेम के बारे में पता चला था जिसके बाद उन्होंने यह गेम खेलना शुरू किया और डायमंड एवं कपड़े खरीदने में पूरे पैसे खर्च कर दिए पहले मुझे नहीं पता था कि यह इतना खराब गेम है अब मैंने सभी गेम अपने मोबाइल से डिलीट कर दिए हैं।
गोंडा के पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्रा ने भी इन बच्चों से बात की उन्हें समझाया और उनके साथ उनके परिजनों को भी बैठाकर काउंसलिंग की पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्रा ने जी मीडिया से बात करते हुए बताया कि दोनों बच्चों के अभिभावकों ने पुलिस से साइबर क्राइम के संबंध में प्रथम दृष्टया शिकायत की थी जिसके बाद हमने जांच की और पाया कि उसी आईपी एड्रेस पर और उसी मोबाइल से पैसे एक गेम जिसका नाम फ्री फायर है मैं ट्रांसफर किए गए हैं जिसके बाद हमने उनके अभिभावकों को बुलाया है और उनके साथ बैठकर काउंसलिंग की है क्योंकि प्रदेश के अन्य स्थानों पर ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जिनमें बच्चों ने पैसे खर्च करने के बाद आत्महत्या कर ली है तो ऐसे में हम लोगों सतर्क कर रहे हैं कि वह अपने बच्चों पर निगरानी रखें और अपने बैंकिंग संबंधी पासवर्ड और अन्य उपकरण को बच्चों से दूर रखें बाकी हम जागरूकता के लिए वृहद रूप से अभियान चलाएंगे कि बच्चे इस गेम से दूर रहे।