
नई दिल्ली 16 अक्टूबर। फुफ्फुसीय धमनी उच्च रक्तचाप (PAH) के इलाज में एक प्रमुख आनुवंशिक सफलता ने शोधकर्ताओं को इस खतरनाक बीमारी के इलाज के लिए नई उम्मीदें प्रदान की हैं। शोधकर्ताओं की एक टीम ने चार जीनों की पहचान की है—SNORD3D, HLA_ASI, EGR1, और NPM1—जो इस घातक विकार के मूल कारणों में से एक हो सकते हैं।
फुफ्फुसीय धमनी उच्च रक्तचाप: एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या
फुफ्फुसीय धमनी उच्च रक्तचाप (PAH) फेफड़ों की धमनियों में असामान्य रूप से उच्च रक्तचाप की स्थिति है, जिसके परिणामस्वरूप हृदय पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। इस स्थिति में, फेफड़ों में रक्त प्रवाह के साथ-साथ हृदय की कार्यक्षमता भी प्रभावित होती है, जिससे अंततः हृदय विफलता का खतरा बढ़ सकता है। यह विकार गंभीर और अक्सर घातक साबित हो सकता है, जिससे मरीजों की जीवन गुणवत्ता और जीवन प्रत्याशा पर भारी असर पड़ता है।
नई खोज: बीमारी के जीनिक आधार की पहचान
सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा की गई इस नई खोज ने PAH के जीनिक आधार को समझने में एक महत्वपूर्ण प्रगति की है। शोधकर्ताओं ने उन जीनों की पहचान की है जो इस बीमारी के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह शोध एल्सेवियर द्वारा प्रकाशित किया गया था।
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रश्मि राणा और उनकी टीम ने PAH रोगियों की आनुवंशिक गतिविधियों का विस्तृत विश्लेषण किया और उसकी तुलना स्वस्थ व्यक्तियों से की। उनकी टीम ने SNORD3D, HLA_ASI, EGR1 और NPM1 नामक जीनों की पहचान की, जो पहले इस बीमारी से संबंधित नहीं माने गए थे।
PAH के इलाज के नए रास्ते
डॉ. राणा ने बताया कि इन जीनों के कार्य को समझकर, हम संभावित उपचारों के लिए नई दिशाएं खोल सकते हैं। इस शोध ने आणविक तंत्र को समझने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान की है, जिससे फुफ्फुसीय धमनी उच्च रक्तचाप के लिए नए और अधिक सटीक उपचार विकसित किए जा सकते हैं।
इन कम सक्रिय जीनों को लक्षित करके, दवा निर्माताओं के लिए रोगियों के लिए विशिष्ट और प्रभावी उपचार विकसित करने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। वर्तमान में उपलब्ध उपचार लक्षणों को प्रबंधित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि यह नई खोज रोग के मूल कारणों को संबोधित करने में मदद कर सकती है।
फुफ्फुसीय धमनी उच्च रक्तचाप: चुनौतीपूर्ण निदान
वर्तमान में, PAH का निदान अक्सर देर से होता है, जिससे इसका प्रभावी उपचार चुनौतीपूर्ण हो जाता है। यह स्थिति तब तक पहचानी नहीं जाती जब तक कि यह उन्नत चरण में न पहुँच जाए, जिससे मरीजों के लिए स्थिति और भी गंभीर हो जाती है।
नई खोज के लाभ
इन नए जीनों की पहचान से अधिक सटीक और प्रारंभिक निदान उपकरणों का विकास संभव हो सकेगा, जो स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को समय पर हस्तक्षेप करने में मदद करेगा। इससे रोगियों के परिणाम बेहतर हो सकते हैं और उनकी जीवन प्रत्याशा में सुधार हो सकता है।
यह शोध PAH के उपचार और निदान के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। नए आनुवंशिक लक्ष्यों की पहचान ने इस बीमारी के प्रबंधन और देखभाल में एक नई आशा जगाई है।