
सीएम योगी आदित्यनाथ का नया खाद्य सुरक्षा कानून: उपभोक्ताओं की सुरक्षा और कानून व्यवस्था का अहम कदम
लखनऊ, 16 अक्टूबर 2024 – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए नए खाद्य सुरक्षा कानून की घोषणा की है। यह नया कानून राज्य में असामाजिक तत्वों द्वारा अखाद्य और दूषित खाद्य पदार्थों की बिक्री पर नकेल कसने के लिए लाया जा रहा है। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को यह अधिकार देना है कि वे खाद्य और पेय पदार्थों के विक्रेताओं तथा सेवा प्रदाताओं के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें, जिससे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके और उपभोक्ता स्वस्थ और सुरक्षित भोजन प्राप्त कर सकें।
योगी आदित्यनाथ की यह पहल राज्य की कानून व्यवस्था में सुधार के साथ-साथ उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कानून के तहत सभी खाद्य और पेय पदार्थ विक्रेताओं को अपने प्रतिष्ठानों में साइनबोर्ड प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा, जिसमें उनके कर्मचारियों और सेवा प्रदाताओं की जानकारी होगी। इसके साथ ही सभी कर्मचारियों को पहचान बैज पहनना भी अनिवार्य किया गया है, ताकि उपभोक्ता यह जान सकें कि कौन उनके भोजन की तैयारी और सेवा में शामिल है।
योगी आदित्यनाथ का दृष्टिकोण: कानून और व्यवस्था के लिए प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह स्पष्ट किया है कि यह नया कानून केवल खाद्य सुरक्षा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों को दूषित करने और पहचान छुपाने वाले असामाजिक तत्वों को सख्त सजा दी जाएगी। इस कानून का उद्देश्य ऐसे तत्वों को चिन्हित करना और उनकी गतिविधियों पर पूर्ण रूप से रोक लगाना है, ताकि उत्तर प्रदेश के नागरिक सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण भोजन प्राप्त कर सकें।
योगी आदित्यनाथ का कहना है, “हमारी सरकार उपभोक्ताओं की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। यह कानून राज्य के हर नागरिक को यह अधिकार देगा कि वह यह जान सके कि उसके लिए तैयार किया जा रहा भोजन कहाँ से आ रहा है और कौन उसे तैयार कर रहा है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हर खाद्य प्रतिष्ठान अपने कर्मचारियों की पहचान को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करे।”
सख्त दंड और सुरक्षा उपायों का प्रावधान
प्रस्तावित कानून में सख्त दंडात्मक प्रावधान होंगे, जिसमें छद्म नाम का उपयोग करने या गलत जानकारी देने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। योगी आदित्यनाथ ने यह भी निर्देश दिया है कि अगर किसी प्रतिष्ठान में काम करने वाला कोई कर्मचारी अवैध रूप से भारत में रह रहा विदेशी नागरिक है, या वह घुसपैठिया है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए उठाया गया है।
इस कानून में एक और महत्वपूर्ण प्रावधान यह है कि खाद्य प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा। इस कदम का उद्देश्य खाद्य तैयारियों की निगरानी और सुरक्षा को बढ़ावा देना है। सीएम ने यह भी कहा है कि जिला प्रशासन को हर प्रतिष्ठान से कम से कम एक महीने की सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि निगरानी की जा सके और कोई भी संदिग्ध गतिविधि तुरंत पकड़ी जा सके।
सरकार की आलोचना और प्रस्तावित कानून का बचाव
यह प्रस्तावित कानून तब आया है जब कांवड़ यात्रा के दौरान यूपी सरकार ने भोजनालयों के मालिकों और कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने का आदेश जारी किया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी रोक लगाई थी। सरकार की इस नीति की आलोचना भी की गई थी, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार प्रदेश में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री का कहना है, “यह कानून केवल कांवड़ यात्रा के दौरान नहीं, बल्कि पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर नागरिक को सुरक्षित और स्वस्थ भोजन मिले, चाहे वह किसी भी क्षेत्र में हो। यह कानून उपभोक्ताओं की सुरक्षा को बढ़ावा देगा और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर पूर्ण रूप से रोक लगाएगा।”
खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के मानक
नया कानून न केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि यह खाद्य तैयारियों में स्वच्छता और गुणवत्ता के उच्च मानकों को भी स्थापित करेगा। सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, खाद्य प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों को भोजन तैयार करते समय सिर ढकने वाले कपड़े, मास्क और दस्ताने पहनना अनिवार्य होगा। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भोजन की तैयारी के दौरान कोई भी गंदगी या हानिकारक तत्व भोजन में न मिल सकें।
इसके अलावा, खाद्य तैयारियों में शामिल कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा, ताकि वे स्वच्छता और गुणवत्ता के उच्च मानकों का पालन कर सकें। यह कानून यह सुनिश्चित करेगा कि खाद्य उद्योग के सभी क्षेत्रों में स्वास्थ्य और स्वच्छता का पालन किया जाए, चाहे वह छोटा भोजनालय हो या बड़ा रेस्तरां।
प्रस्तावित कानून के लाभ
योगी आदित्यनाथ का यह नया कानून उत्तर प्रदेश में खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इसके कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
1. उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा: यह कानून उपभोक्ताओं को खाद्य और पेय पदार्थों के विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं के बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान करेगा, जिससे वे यह जान सकेंगे कि कौन उनके लिए भोजन तैयार कर रहा है और वह खाद्य पदार्थ कहां से आ रहे हैं।
2. असामाजिक तत्वों पर रोक: यह कानून असामाजिक तत्वों द्वारा खाद्य पदार्थों को दूषित करने और पहचान छुपाने की गतिविधियों पर रोक लगाएगा। इसके तहत छद्म नाम का उपयोग करने या गलत जानकारी देने वालों के लिए सख्त दंडात्मक प्रावधान होंगे।
3. खाद्य तैयारियों में स्वच्छता: इस कानून के तहत सभी खाद्य प्रतिष्ठानों में स्वच्छता के उच्च मानकों का पालन किया जाएगा। भोजन तैयार करते समय कर्मचारियों को मास्क, दस्ताने और सिर ढकने वाले कपड़े पहनना अनिवार्य होगा।
4. सीसीटीवी निगरानी: खाद्य प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाकर भोजन तैयारियों की निगरानी की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि खाद्य तैयारियों में किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो और कोई भी संदिग्ध गतिविधि तुरंत पकड़ी जा सके।
5. अवैध नागरिकों की पहचान: इस कानून के तहत खाद्य प्रतिष्ठानों में कार्यरत अवैध नागरिकों या घुसपैठियों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
प्रभात भारत विशेष
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रस्तावित यह कानून न केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करेगा, बल्कि यह राज्य की कानून व्यवस्था को भी सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कानून से असामाजिक तत्वों पर रोक लगेगी और उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित भोजन प्राप्त होगा।
योगी आदित्यनाथ की यह पहल उपभोक्ताओं की सुरक्षा के साथ-साथ राज्य में स्वच्छता और स्वास्थ्य के उच्च मानकों को भी बढ़ावा देगी। यह कानून उत्तर प्रदेश को खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करेगा और राज्य को एक बेहतर और सुरक्षित भविष्य की ओर अग्रसर करेगा।