
शहीद-ए-आजम भगत सिंह इंटर कॉलेज की बाउंड्रीवॉल पर स्थापित की गई ‘वेस्ट टू फ्लावर गैलेरी’
गोंडा 14 अक्टूबर। वर्तमान समय में पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता दो महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जो समाज की जिम्मेदारी का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। इस दिशा में उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने एक अनूठी और रचनात्मक पहल की है, जो न केवल इन मुद्दों पर प्रकाश डालती है, बल्कि लोगों को इसके प्रति जागरूक भी करती है। उनके नेतृत्व में शहीद-ए-आजम भगत सिंह इंटर कॉलेज की बाउंड्रीवॉल पर “वेस्ट टू फ्लावर गैलेरी” स्थापित की गई है। यह पहल अब जिले में चर्चा का विषय बन चुकी है और इसे जिले के लोग बड़े उत्साह के साथ सराह रहे हैं।
यह अनूठी पहल न केवल स्वच्छता अभियान को मजबूती दे रही है, बल्कि लोगों को यह सिखा रही है कि कबाड़ और पुराने सामानों का भी उपयोग सुंदरता और प्रकृति के संरक्षण के लिए किया जा सकता है। पुराने और बेकार समझे जाने वाले कुर्सियों और टायरों को रंग-बिरंगे पौधों के साथ सजाकर गैलेरी बनाई गई है, जिससे बाउंड्रीवॉल की खूबसूरती भी बढ़ गई है और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।
‘वेस्ट टू फ्लावर गैलेरी’ की विशेषताएं: कबाड़ से सुंदरता की सृजन
इस गैलेरी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें पुरानी और बेकार पड़ी चीजों का रचनात्मक उपयोग किया गया है। विकास भवन, कलेक्ट्रेट, जिलाधिकारी आवास से लेकर नगर पालिका कार्यालय में पड़ी खराब कुर्सियों और टायरों का उपयोग कर एक सुंदर और अनूठी फ्लावर गैलेरी बनाई गई है। यह गैलेरी “रिड्यूस, रियूज और रिसाइकिल” के सिद्धांत पर आधारित है, जो स्वच्छता के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देता है।
गैलेरी में खराब हो चुके टायरों और कुर्सियों को सुंदर रंगों से सजाया गया है और इन पर पौधों को उगाया गया है। यह पहल इस बात को सिद्ध करती है कि पुरानी और बेकार चीजों में भी नई उपयोगिता और सुंदरता ढूंढी जा सकती है। साथ ही, यह पहल जनमानस में पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश भी फैलाती है, जो स्वच्छता के अभियान का एक अनिवार्य हिस्सा है।
स्वच्छता की नई परिभाषा: कचरे को कम करें, पुनः उपयोग करें
जिलाधिकारी नेहा शर्मा का यह कदम स्वच्छता की परिभाषा को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है। उनका कहना है कि स्वच्छता केवल कचरा उठाने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसके अंतर्गत कचरे को कम करना और उसे पुनः उपयोग में लाना भी आवश्यक है। इस पहल के माध्यम से उन्होंने जनपदवासियों को यह संदेश दिया है कि यदि हम छोटे-छोटे कदम उठाएं, तो बड़े बदलाव संभव हैं।
यह पहल शहरवासियों को यह भी सिखाती है कि कचरा केवल एक समस्या नहीं है, बल्कि इसे सही तरीके से उपयोग में लाकर हम पर्यावरण की रक्षा भी कर सकते हैं और हमारे आस-पास की जगहों को सुंदर बना सकते हैं। यह एक सकारात्मक दृष्टिकोण है, जो लोगों को जिम्मेदारी के साथ अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करता है।
जनपदवासियों का उत्साह: स्वच्छता और जागरूकता का बढ़ता स्तर
जिलाधिकारी नेहा शर्मा की इस पहल को लेकर शहरवासियों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। लोग इस पहल की न केवल सराहना कर रहे हैं, बल्कि इससे प्रेरित होकर अपने स्तर पर भी पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के लिए कदम उठा रहे हैं। इस पहल से यह साबित होता है कि यदि नेतृत्व मजबूत और प्रेरणादायक हो, तो समाज में सकारात्मक बदलाव आसानी से लाया जा सकता है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह पहल न केवल शहर को स्वच्छ और सुंदर बना रही है, बल्कि लोगों को स्वच्छता और पर्यावरण के प्रति अधिक जिम्मेदार बना रही है। कई लोगों ने इस पहल को अपने क्षेत्रों में भी अपनाने की बात कही है, जिससे यह एक व्यापक आंदोलन का रूप ले सकता है। इस पहल ने यह सिद्ध कर दिया है कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण किसी भी छोटे या बड़े कदम से संभव हो सकता है।
कबाड़ से स्वच्छता की प्रेरणा: अन्य शहरों के लिए उदाहरण
‘वेस्ट टू फ्लावर गैलेरी’ गोंडा शहर में एक नया और अनूठा उदाहरण पेश कर रही है। अन्य जिलों और शहरों में भी यह पहल एक प्रेरणा के रूप में देखी जा रही है। इस तरह की पहल से न केवल जनपदवासियों का स्वच्छता के प्रति दृष्टिकोण बदल सकता है, बल्कि यह पहल अन्य शहरों के लिए भी एक मॉडल बन सकती है।
शहर के निवासियों के अनुसार, इस गैलेरी के कारण शहर का सौंदर्य तो बढ़ ही गया है, साथ ही एक सकारात्मक माहौल का निर्माण भी हुआ है। लोगों में स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी की भावना जागृत हो रही है और वे अपने-अपने क्षेत्रों में भी ऐसे छोटे-छोटे कदम उठाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा की सोच और नेतृत्व
इस पहल की सफलता का सबसे बड़ा श्रेय जिलाधिकारी नेहा शर्मा को जाता है, जिनकी रचनात्मक सोच और दृढ़ निश्चय ने इस अभियान को वास्तविकता में बदल दिया। उन्होंने न केवल इस अभियान का नेतृत्व किया, बल्कि जनपदवासियों को भी इस पहल में सक्रिय रूप से भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित किया। उनकी यह सोच कि “कबाड़ या बेकार समझे जाने वाले सामानों में भी नई उपयोगिता और सुंदरता ढूंढी जा सकती है” ने समाज को एक नया दृष्टिकोण दिया है।
नेहा शर्मा ने इस पहल के माध्यम से यह साबित किया है कि यदि समाज के नेतृत्वकर्ता स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक हों, तो समाज भी उनके साथ चलने को तैयार रहता है। उन्होंने लोगों के सामने एक उदाहरण पेश किया है कि छोटे-छोटे कदम उठाकर भी हम बड़े बदलाव ला सकते हैं।
उनका कहना है कि “यदि हम कचरे को केवल कचरा मानकर छोड़ देंगे, तो यह समस्या बनी रहेगी। लेकिन यदि हम उसमें नई उपयोगिता और संभावनाएं खोजेंगे, तो वही कचरा हमारे लिए वरदान साबित हो सकता है।”
समाज में जागरूकता का संदेश: स्वच्छता अभियान को मिली नई दिशा
इस पहल ने गोंडा में स्वच्छता अभियान को एक नई दिशा प्रदान की है। यह पहल सिर्फ एक प्रतीकात्मक कदम नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य हो रहा है। इस पहल के बाद से शहरवासियों के बीच पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता में वृद्धि हुई है। लोग अब न केवल अपने आस-पास की सफाई पर ध्यान दे रहे हैं, बल्कि कचरे को कम करने और उसका पुनः उपयोग करने के तरीकों पर भी विचार कर रहे हैं।
एक पहल, बड़े बदलाव की शुरुआत
जिलाधिकारी नेहा शर्मा की “वेस्ट टू फ्लावर गैलेरी” पहल स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल ने साबित कर दिया है कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए केवल बड़े कदमों की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि छोटे-छोटे रचनात्मक कदम भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं। इस पहल से न केवल गोंडा शहर की खूबसूरती बढ़ी है, बल्कि शहरवासियों के बीच जागरूकता का एक नया स्तर भी स्थापित हुआ है।
शहरवासियों का उत्साह और इस पहल के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण इस बात का संकेत है कि भविष्य में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति और भी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। यह पहल न केवल गोंडा के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल है, कि कैसे हम कचरे को उपयोगी बना सकते हैं और हमारे आस-पास की दुनिया को स्वच्छ और सुंदर बना सकते हैं।
अगर समाज के हर व्यक्ति ने जिलाधिकारी नेहा शर्मा के इस दृष्टिकोण को अपनाया, तो भविष्य में पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को लेकर बड़े पैमाने पर परिवर्तन संभव हो सकेगा।