बलरामपुर में सपा के पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी की बढ़ती मुश्किलें: सरकारी जमीन पर कब्जे के मामले में फिर दर्ज हुआ मुकदमा
बलरामपुर 14 अक्टूबर। बलरामपुर जिले के सपा के पूर्व विधायक और माफिया सूची में शामिल आरिफ अनवर हाशमी की मुश्किलें दिनोंदिन बढ़ती जा रही हैं। पहले से ही जेल में बंद हाशमी के खिलाफ एक और गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें उन पर सरकारी जमीन को अपने नाम करने का आरोप है। अब तक उनके खिलाफ 33 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से ताजा मामला सरकारी जमीन को निजी संस्था के नाम करने से जुड़ा है। बलरामपुर जिले के सादुल्लाह नगर क्षेत्र में सरकारी जमीन के अवैध कब्जे को लेकर यह नया मुकदमा दर्ज किया गया है, जो पूर्व विधायक और उनके सहयोगियों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है।
नवीन परती की सरकारी जमीन पर कब्जा करने का मामला
बलरामपुर जिले के सादुल्लाह नगर थाने के उप निरीक्षक परमानंद चौहान द्वारा की गई जांच में यह बात सामने आई है कि पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी ने सरकारी जमीन (नवीन परती) को धोखाधड़ी और कूट रचित दस्तावेजों के माध्यम से अपने नाम दर्ज करवा लिया था। यह मामला 24 जुलाई 1990 का है, जब हाशमी ने चकबंदी न्यायालय में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर सादुल्लाह नगर गांव की 1.20 एकड़ जमीन को अपनी निजी संस्था, किसान विद्यालय, के नाम करवा लिया था। इस जमीन की खतौनी में यह दर्ज हो गया कि यह भूमि हाशमी के किसान विद्यालय बागवानी श्रेणी 64 के नाम है।
जांच के बाद प्रशासन की कार्रवाई
इस मामले की जांच की गई, जिसमें यह पाया गया कि आरिफ अनवर हाशमी ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया है और इसका स्वामित्व अपनी संस्था के नाम करवाने के लिए कूट रचित दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। इस संबंध में बलरामपुर के अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने 8 अप्रैल 2024 को आदेश पारित किया, जिसमें गाटा संख्या 1428/1.20 एकड़ जमीन को फिर से नवीन परती खाते में दर्ज करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही किसान विद्यालय बागवानी श्रेणी 64 के नाम को निरस्त कर दिया गया।
मुकदमा दर्ज और जांच की पुष्टि
जांच के बाद उपनिरीक्षक परमानंद चौहान ने यह पाया कि पूर्व विधायक हाशमी ने धोखाधड़ी और कूटरचना के जरिए सरकारी जमीन को अवैध रूप से अपने नाम करवा लिया था। इस पर सादुल्लाह नगर थाने में हाशमी और उनके मददगारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व विधायक पर पहले से ही दर्ज हैं 33 मुकदमे
आरिफ अनवर हाशमी के खिलाफ पहले से ही 33 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से अधिकांश जमीन कब्जे, धोखाधड़ी और धमकी से जुड़े हुए हैं। वर्तमान में वह एक लेखपाल को धमकाने के मामले में जेल में बंद हैं। प्रशासन ने अब तक हाशमी की 1 अरब 16 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। वे जिले के टॉप टेन माफिया की सूची में शामिल हैं और उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी अलग से जांच कर रहा है।
माफिया सूची में शामिल होना और हाशमी का राजनीतिक जीवन
आरिफ अनवर हाशमी का नाम माफिया सूची में शामिल होना उनके राजनीतिक जीवन पर गहरा प्रभाव डाल रहा है। एक समय में समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख नेता और विधायक रह चुके हाशमी अब कई आपराधिक मामलों में घिरे हुए हैं। उनका नाम बलरामपुर जिले के बड़े जमीन घोटालों और अवैध संपत्ति के मामलों में बार-बार आता रहा है, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति कमजोर हो गई है।
हाशमी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतकर की थी। उस समय उन्हें एक लोकप्रिय नेता माना जाता था, लेकिन जैसे-जैसे उनके खिलाफ आपराधिक मामलों की संख्या बढ़ी, उनकी राजनीतिक छवि धूमिल होती गई।
सरकारी जमीन कब्जाने के अन्य मामले
बलरामपुर जिले में यह पहला मामला नहीं है, जब हाशमी पर सरकारी जमीन कब्जाने का आरोप लगा हो। पहले भी उन पर सरकारी और निजी जमीनों पर अवैध कब्जा करने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इन मामलों में उन्हें कई बार कानूनी पचड़ों में फंसना पड़ा, लेकिन उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई थी।
इस बार प्रशासन ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्तियों को जब्त किया है और उनके खिलाफ दर्ज मामलों की जांच को और तेज कर दिया है। इस नई कार्रवाई से हाशमी के लिए आगे की राह और कठिन हो सकती है।
प्रवर्तन निदेशालय की जांच और जब्त संपत्तियां
आरिफ अनवर हाशमी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध संपत्ति के मामलों की जांच कर रहा है। हाशमी की अवैध संपत्तियों की कुल कीमत 1 अरब 16 करोड़ रुपये बताई जा रही है, जिनमें से कई संपत्तियों को ईडी ने जब्त कर लिया है।
प्रवर्तन निदेशालय की जांच से हाशमी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं, क्योंकि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं। ईडी की जांच के तहत हाशमी के बैंक खाते और वित्तीय लेन-देन की जांच की जा रही है, जिसमें कई संदिग्ध ट्रांजैक्शन सामने आए हैं। इन ट्रांजैक्शनों के माध्यम से हाशमी ने अपनी अवैध संपत्तियों को सफेद धन में बदलने की कोशिश की थी।
जनता के बीच हाशमी की छवि और प्रतिक्रिया
बलरामपुर जिले की जनता में आरिफ अनवर हाशमी की छवि एक माफिया और अपराधी के रूप में बन चुकी है। उनके खिलाफ लगातार दर्ज हो रहे मुकदमे और प्रशासनिक कार्रवाई से जनता में नाराजगी बढ़ती जा रही है। खासकर उन लोगों में, जिनकी जमीनें हाशमी द्वारा कब्जाई गई थीं या जिनके साथ उन्होंने धोखाधड़ी की थी।
जनता का कहना है कि हाशमी ने अपने राजनीतिक प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए सरकारी और निजी संपत्तियों पर अवैध कब्जे किए और अपने नाम करवा लिए। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग लंबे समय से की जा रही थी, लेकिन अब प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई से लोगों में उम्मीद जगी है कि न्याय मिलेगा।
न्यायालय की कार्रवाई और भविष्य की संभावना
इस मामले में न्यायालय द्वारा पारित आदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि आरिफ अनवर हाशमी ने अवैध तरीके से सरकारी जमीन को अपने नाम करवा लिया था। अब जब उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है, तो आगे की न्यायिक प्रक्रिया में हाशमी के खिलाफ और भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि हाशमी के खिलाफ चल रही जांच और मुकदमों के आधार पर उन्हें लंबे समय तक कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। प्रशासन और पुलिस द्वारा की जा रही जांच में और भी नए खुलासे होने की संभावना है, जो हाशमी के राजनीतिक और आपराधिक जीवन पर गहरा असर डाल सकते हैं।
आरिफ अनवर हाशमी का नाम बलरामपुर जिले में माफिया और आपराधिक गतिविधियों से जुड़े मामलों में प्रमुखता से आता है। उनके खिलाफ दर्ज हुए ताजा मुकदमे ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे और धोखाधड़ी के इस मामले में प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए उनके नाम दर्ज जमीन को वापस सरकारी खाते में दर्ज करवा लिया है।
पूर्व विधायक के खिलाफ बढ़ते मुकदमों और प्रवर्तन निदेशालय की जांच से यह साफ है कि हाशमी के लिए आगे की राह मुश्किलों से भरी होगी। जनता और प्रशासन की नजर अब उनके खिलाफ चल रही जांच पर टिकी है, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि उनके खिलाफ कितनी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

