
गोण्डा 13 अक्टूबर। मोतीगंज थाना क्षेत्र की निवासी कुलक्ष्मी देवी ने एक संगीन धोखाधड़ी मामले का पर्दाफाश किया है। उनके साथ लाखों रुपये की ठगी की गई, जिसमें संविदा पर नर्स की नौकरी दिलाने के नाम पर पांच लाख रुपये ऐंठ लिए गए। कुलक्ष्मी देवी, जो एक छात्रा हैं, ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन आरोप है कि अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। आइए इस पूरे मामले पर एक गहराई से नजर डालते हैं।
ठगी का शिकार: नौकरी के सपने ने तोड़ी उम्मीदें
प्रार्थिनी कुलक्ष्मी देवी का कहना है कि वह कुछ समय पहले उपरोक्त तीन आरोपियों—राजेश कुमार उर्फ बब्लू, माधुरी गौतम, और नितेश वर्मा—के संपर्क में आई थीं। इन तीनों ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहराइच में संविदा पर नर्स की नौकरी दिलाने का झांसा दिया। पांच लाख रुपये की मांग की गई थी, जिसे किस्तों में देने की बात हुई। कुलक्ष्मी और उनके भाई अमित कुमार ने आरोपियों के बताए अनुसार विभिन्न तारीखों पर 2,40,000 रुपये विभिन्न खातों में जमा कराए। बाकी बचे 2,60,000 रुपये कैश में देने का वादा किया गया, जिसे आरोपियों ने बाद में नकद में ले लिया।
फर्जी नियुक्ति पत्र: बहराइच पहुंचते ही खुली पोल
कुलक्ष्मी देवी के अनुसार, आरोपियों ने उनसे कहा कि बहराइच में नौकरी के लिए एक कमरा किराये पर ले लें और जब तक नियुक्ति पत्र न मिल जाए, वहीं पर रहें। आखिरकार, आरोपियों ने उन्हें एक फर्जी नियुक्ति पत्र दिया, जिसमें लिखा था कि उन्हें बहराइच मेडिकल कॉलेज में नर्स के पद पर नियुक्त किया गया है।
जब कुलक्ष्मी देवी बहराइच मेडिकल कॉलेज पहुंचीं, तो उन्हें पता चला कि इस नियुक्ति पत्र की कोई सच्चाई नहीं थी। सीएमओ कार्यालय ने साफ कर दिया कि ऐसी कोई भर्ती चल ही नहीं रही थी और इस प्रकार का कोई पद उपलब्ध नहीं था। इस खुलासे ने कुलक्ष्मी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया, और उन्हें एहसास हुआ कि वह एक बड़ी ठगी का शिकार हो चुकी हैं।
आरोपियों के पास जाकर मांगे पैसे, मिली धमकी
फर्जी नियुक्ति पत्र का खुलासा होने के बाद, कुलक्ष्मी ने आरोपियों से फोन पर और व्यक्तिगत रूप से संपर्क करने की कोशिश की। जब वह उनके पास पहुंचीं और अपने रुपये वापस मांगे, तो आरोपियों ने उन्हें और उनके परिवारवालों के साथ मारपीट की और गाली-गलौज की। इसके अलावा, उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई। कुलक्ष्मी ने अपनी शिकायत में यह भी बताया है कि ये आरोपी केवल उन्हीं के साथ नहीं, बल्कि कई और लोगों के साथ भी इसी तरह की ठगी कर चुके हैं।
पुलिस प्रशासन की उदासीनता
इस ठगी का शिकार होने के बाद, कुलक्ष्मी ने सबसे पहले स्थानीय थाना मोतीगंज में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई। लेकिन, उनके अनुसार, पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इसके बाद, उन्होंने पुलिस अधीक्षक को भी रजिस्ट्री के माध्यम से प्रार्थना पत्र भेजा, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। अंततः, निराश होकर उन्होंने न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया और न्याय पाने की उम्मीद जताई।
धोखाधड़ी का तरीका: संगठित ठग गिरोह का पर्दाफाश
इस मामले ने यह साफ कर दिया है कि आरोपियों ने संगठित तरीके से नौकरी के नाम पर ठगी का जाल बिछा रखा था। पहले उन्होंने कुलक्ष्मी को झूठे वादों से फंसाया, फिर उनके पैसे ऐंठे और अंत में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर उन्हें धोखे में रखा।
इस मामले में मुख्य आरोपी राजेश कुमार उर्फ बब्लू, जो कि खोडारे थाना क्षेत्र का निवासी है, ने यह पूरी साजिश रची। उसकी मिलीभगत में माधुरी गौतम और नितेश वर्मा भी शामिल थे। इन तीनों ने न केवल कुलक्ष्मी से, बल्कि अन्य कई लोगों से भी इसी प्रकार की ठगी की है।
ठगी के शिकार और अन्य लोग
कुलक्ष्मी देवी ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि जब उन्हें इस ठगी का एहसास हुआ, तब उन्हें पता चला कि इसी प्रकार की घटनाएं अन्य लोगों के साथ भी हो चुकी हैं। आरोपियों ने अन्य कई लोगों से भी नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठगे हैं। इस पूरे प्रकरण ने प्रशासन की कार्यशैली और उसकी निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
न्याय की मांग और कानूनी पहल
इस पूरे मामले के उजागर होने के बाद, कुलक्ष्मी देवी ने न्याय के लिए कानूनी लड़ाई शुरू की है। उन्होंने संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की है और निष्पक्ष जांच की अपील की है। हालांकि, अभी तक पुलिस प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
कुलक्ष्मी ने अपनी शिकायत में सभी दस्तावेजी सबूत प्रस्तुत किए हैं, जिसमें फोन पे के जरिए किए गए भुगतान की छायाप्रति और फर्जी नियुक्ति पत्र शामिल हैं। उन्होंने न्यायालय से यह उम्मीद जताई है कि इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई हो और उन्हें और अन्य पीड़ितों को न्याय मिले।
प्रशासन की जिम्मेदारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई
यह मामला केवल एक ठगी का मामला नहीं है, बल्कि यह प्रशासन की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार की जड़ों को भी उजागर करता है। जब पुलिस और अन्य प्रशासनिक अधिकारी ठगी के इस तरह के मामलों को गंभीरता से नहीं लेते, तो इससे अपराधियों के हौसले और बुलंद होते हैं।
इस मामले में अगर समय पर कार्रवाई नहीं की गई, तो और भी लोग इसी प्रकार की ठगी के शिकार हो सकते हैं। प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और इस प्रकार के संगठित ठग गिरोहों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।
ठगी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
गोण्डा जिले के इस मामले ने न केवल स्थानीय निवासियों के बीच डर और असंतोष पैदा किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि किस प्रकार संगठित ठगी गिरोह जनता को धोखा दे रहे हैं। नौकरी के नाम पर ठगी का यह मामला बेहद गंभीर है, और अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति हो सकती है। कुलक्ष्मी देवी जैसे पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रशासन और न्यायपालिका को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और दोषियों को कानून के अनुसार कड़ी सजा दी जानी चाहिए। ऐसे मामलों में सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और उन्हें धोखाधड़ी से बचाए।