गोंडा, 11 अक्टूबर। तरबगंज तहसील के बक्सरावीट के वनरक्षक राजेश्वरदत्त तिवारी और उनकी टीम ने अवैध वृक्ष कटान की सूचना पर रामगढ़ क्षेत्र के कक्ष संख्या 3 में चल रही अवैध गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की। प्राप्त जानकारी के अनुसार, रविवार शाम करीब 8:30 बजे मुखबिर द्वारा वनरक्षक तिवारी को यह सूचना मिली कि रामगढ़ क्षेत्र में साखू वृक्ष की अवैध कटाई हो रही है, और लकड़ी को मोटरसाइकिल के जरिए ले जाया जा रहा है।
इस सूचना के आधार पर, तिवारी और उनके साथ मौजूद नंदगोपाल श्रीवास्तव (उपवन क्षेत्राधिकारी), रिन्द्र सिंह (दैनिक श्रमिक), और सुरक्षा वॉचर ने तुरंत उस स्थान की घेराबंदी की जहाँ से लकड़ी को ले जाने की सूचना थी। वे टीम सहित मौके पर पहुँचकर चुपचाप छिप गए ताकि स्थिति की निगरानी कर सकें।
अभियुक्तों की पहचान और भागने का प्रयास
कुछ ही देर बाद, मुखबिर की सूचना के अनुसार, दो मोटरसाइकिलों पर लकड़ी लादकर दो अभियुक्त आते दिखाई दिए। दूर से ही अभियुक्तों को देख टीम ने उन्हें पकड़ने का प्रयास किया। लेकिन अभियुक्त वनरक्षकों को देखकर लकड़ी और मोटरसाइकिल छोड़कर भाग निकले। टीम ने उन्हें दौड़ाकर पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन अभियुक्त मोटरसाइकिल से फरार हो गए। हालांकि, वनरक्षकों ने उन्हें टॉर्च की रोशनी में पहचान लिया।
मौके पर अवैध कटान का खुलासा
अभियुक्तों के फरार होने के बाद, वनरक्षकों ने मौके की जांच की, जहाँ हरे साखू वृक्ष का अवैध कटान पाया गया। कटे हुए वृक्ष का वूट 1.43 मीटर का था, जिसे मौके पर मापा गया। इसके अलावा, दो मोटरसाइकिलों पर लदी हुई लकड़ी (वोटा) को भी वनरक्षकों ने अपने कब्जे में ले लिया।
लकड़ी का विवरण इस प्रकार है:
1. 1.0 मीटर x 1.12 मीटर
2. 1.90 मीटर x 1.10 मीटर
3. 1.90 मीटर x 1.00 मीटर
4. 2.30 मीटर x 0.5 मीटर
लकड़ी की जब्ती के बाद उसे सुरक्षा के दृष्टिकोण से बक्सरा चौकी पर रखा गया है। अवैध कटाई के मामले में दो अभियुक्तों की पहचान की गई है जिसमें पहला सुमित सिंह, पिता रमेश सिंह, निवासी ग्राम दिलीपपुरा, पोस्ट मनकापुर, थाना व तहसील मनकापुर, जिला गोंडा और दूसरा कृष्णा, पिता गुइडू, निवासी ग्राम गोसाई जोत, पोस्ट मनकापुर, थाना व तहसील मनकापुर, जिला गोंडा हैं।
इन दोनों अभियुक्तों के अलावा दो अन्य अभियुक्त भी इस अवैध कटान के मामले में संलिप्त पाए गए हैं। जांच से यह सामने आया कि ये अभियुक्त पेशेवर अपराधी हैं और अक्सर चोरी-छिपे जंगलों से वृक्षों की कटाई करते रहते हैं।
राजकीय संपत्ति को नुकसान
इन अभियुक्तों द्वारा की गई अवैध कटाई से राज्य की संपत्ति को गंभीर नुकसान हो रहा है। वनरक्षक तिवारी के अनुसार, जंगल से की जा रही इस प्रकार की अवैध गतिविधियों से न केवल पर्यावरण को खतरा है, बल्कि राजकीय संपत्ति का भी बड़ा नुकसान हो रहा है।
अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग
वनरक्षक तिवारी ने इस घटना की रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को सौंप दी है। उन्होंने अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 26 के तहत कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वनरक्षक ने कहा कि राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा के लिए इन अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जाना जरूरी है।
वन विभाग ने कहा है कि जब्त की गई लकड़ी को उचित प्रक्रिया के तहत माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा, और इस मामले में न्यायालय की आगे की कार्यवाही का पालन किया जाएगा
यह घटना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि जंगलों से अवैध कटान का मुद्दा कितना गंभीर है और इससे राज्य को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए वन विभाग को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। स्थानीय प्रशासन और वन विभाग मिलकर इस समस्या का हल निकालने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं।

