गोंडा 12 अक्टूबर। विद्युत चोरी की घटनाएँ एक गंभीर अपराध हैं, जो न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाती हैं बल्कि जन सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न करती हैं। ऐसी ही एक घटना में, आसरा आवास कॉलोनी में बड़े पैमाने पर हो रही विद्युत चोरी का मामला सामने आया। यह मामला तब उजागर हुआ जब प्रवर्तन दल के प्रभारी निरीक्षक मोहम्मद यासीन खान ने अपनी टीम के साथ कॉलोनी में छापेमारी की। इस छापेमारी में तीन घरों के खिलाफ बिजली चोरी के आरोप पाए गए।
विद्युत चोरी का खुलासा
मोहम्मद यासीन खान के नेतृत्व में प्रवर्तन दल ने आसरा आवास कॉलोनी के तीन मकानों में विद्युत चोरी के गंभीर मामले का पर्दाफाश किया। इनमें से पहला मकान था मकान नंबर जी-293, जिसका मालिक मोहम्मद शाहिद पुत्र मोहम्मद हामिद है। दूसरा मकान नंबर सी-140 है, जिसका मालिक पिंकू गुप्ता, लक्ष्मी नारायण गुप्ता है। तीसरा मकान सायरा बानो पत्नी अशफाक का है, जिसका मकान नंबर 100 है। इन तीनों मकानों में बिजली चोरी की पुष्टि की गई, जहां एलटी लाइन से सीधे तार जोड़कर अवैध रूप से विद्युत आपूर्ति की जा रही थी।
कैसे की जा रही थी बिजली चोरी?
बिजली चोरी के इन मामलों में मकान मालिकों द्वारा एलटी लाइन से सीधा तार जोड़ने का तरीका अपनाया गया। एलटी (लो टेंशन) लाइन आमतौर पर घरेलू और छोटे व्यवसायों के लिए बिजली की आपूर्ति करने वाली लाइन होती है। इस लाइन से सीधा तार जोड़कर बिजली का उपयोग करना विद्युत अधिनियम के तहत एक गंभीर अपराध है, जो न केवल कंपनी को आर्थिक नुकसान पहुंचाता है, बल्कि राष्ट्रीय संपत्ति की भी हानि होती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की विद्युत चोरी न केवल कानूनी रूप से गलत है, बल्कि यह सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी खतरनाक है। इस तरह से की गई बिजली की चोरी में शॉर्ट सर्किट होने का खतरा बहुत अधिक होता है, जो बड़े पैमाने पर अग्नि दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है।
प्रवर्तन दल की कार्रवाई
प्रवर्तन दल के निरीक्षक मोहम्मद यासीन खान ने बताया कि यह मामला उनके ध्यान में तब आया जब क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति में अनियमितताओं की शिकायतें मिलने लगीं। बिजली विभाग को लगातार रिपोर्ट मिल रही थी कि आसरा आवास कॉलोनी में विद्युत खपत असामान्य रूप से अधिक है, जबकि मीटर रीडिंग सामान्य से कम दिखाई दे रही थी। इस पर विभाग ने प्रवर्तन दल को कार्रवाई के निर्देश दिए।
जांच के दौरान पाया गया कि तीनों मकानों में बिना मीटर के अवैध रूप से बिजली का उपयोग किया जा रहा था। तीनों मकानों के मालिकों ने एलटी लाइन से सीधा तार जोड़कर बिजली चोरी की थी। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए मोहम्मद यासीन खान और उनकी टीम ने तुरंत कार्रवाई की और बिजली चोरी की इस योजना को ध्वस्त कर दिया।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों का कहना है कि आसरा आवास कॉलोनी में लंबे समय से विद्युत चोरी की घटनाएँ हो रही थीं। कुछ निवासियों ने यह भी आरोप लगाया कि इस तरह की चोरी में कुछ स्थानीय कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं, जो मकान मालिकों को अवैध कनेक्शन प्रदान करने में मदद करते हैं। हालांकि, इस आरोप की पुष्टि अब तक नहीं हो सकी है, लेकिन इस घटना ने कॉलोनी में रहने वाले अन्य निवासियों को सतर्क कर दिया है।
एक स्थानीय निवासी, जिनका नाम गोपनीय रखा गया है, ने कहा, “यहां कई मकान मालिक ऐसे हैं जो बिना किसी डर के बिजली चोरी कर रहे हैं। यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इससे पहले भी कई बार शिकायतें की गईं, जिन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब देखना होगा कि क्या यह घटना अन्य लोगों को चेतावनी के रूप में काम करेगी।”
विद्युत अधिनियम, 2003 के अनुसार, किसी भी प्रकार की विद्युत चोरी एक गंभीर अपराध है, जिसमें कड़ी सजा का प्रावधान है। इस अधिनियम की धारा 135 के तहत यदि कोई व्यक्ति बिजली चोरी करता है, तो उसे भारी जुर्माना और कारावास की सजा हो सकती है। इस मामले में, यदि मकान मालिकों की गलती साबित हो जाती है, तो उन्हें न केवल आर्थिक दंड भुगतना पड़ेगा बल्कि उन्हें जेल की सजा भी हो सकती है।
बिजली चोरी की स्थिति में जुर्माना आमतौर पर बिजली कंपनी को होने वाले नुकसान के आधार पर तय किया जाता है। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति बार-बार इस अपराध को करता है, तो उसकी सजा और भी कड़ी हो सकती है।
इस घटना के बाद बिजली विभाग ने आसरा आवास कॉलोनी में विद्युत चोरी रोकने के लिए कई कदम उठाने की योजना बनाई है। विभाग के अधिकारी अब इस कॉलोनी में नियमित रूप से जांच करेंगे और मीटर रीडिंग को अधिक सख्ती से मॉनिटर करेंगे। इसके अलावा, विभाग ने कॉलोनी के निवासियों से भी अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अवैध विद्युत आपूर्ति की जानकारी विभाग को तुरंत दें।
बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमने अब तक जो जांच की है, उससे पता चलता है कि आसरा आवास कॉलोनी में विद्युत चोरी एक सामान्य समस्या बन चुकी है। इसे रोकने के लिए हमें सख्त कदम उठाने होंगे और जनता का भी सहयोग आवश्यक होगा। हम अपील करते हैं कि लोग बिजली चोरी जैसी गतिविधियों से दूर रहें, क्योंकि यह राष्ट्रीय संपत्ति की चोरी है और इससे सभी को नुकसान होता है।”
विद्युत चोरी का आर्थिक प्रभाव
बिजली चोरी न केवल सरकार को भारी राजस्व नुकसान पहुंचाती है, बल्कि इससे आम जनता को भी नुकसान उठाना पड़ता है। जब विद्युत चोरी होती है, तो बिजली कंपनियों को इस नुकसान की भरपाई के लिए बिजली की दरों में वृद्धि करनी पड़ती है। इसका सीधा असर उन उपभोक्ताओं पर पड़ता है जो ईमानदारी से अपने बिजली बिलों का भुगतान करते हैं। इसके अलावा, बिजली चोरी के कारण बिजली के बुनियादी ढांचे पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे बार-बार विद्युत आपूर्ति में बाधा आती है।
आसरा आवास कॉलोनी में बड़े पैमाने पर हो रही विद्युत चोरी का यह मामला एक गंभीर समस्या की ओर इशारा करता है। बिजली चोरी न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह समाज के लिए भी हानिकारक है। इस मामले में प्रवर्तन दल ने जो कार्रवाई की है, वह एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इस प्रकार की घटनाओं को पूरी तरह से रोकने के लिए अधिक सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। समाज के सभी वर्गों को यह समझने की आवश्यकता है कि बिजली चोरी एक अपराध है, और इसे रोकने के लिए सभी को अपना सहयोग देना चाहिए।

