
गोंडा, 9 अक्टूबर। जिले के निवासी आनंद कुमार ने सैनिक सिक्योरिटी सर्विसेज़ के प्रबंधक गौरव सिंह और इंडियन बैंक शाखा प्रबंधक सुधांशु श्रीवास्तव के खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, गोंडा की अदालत में प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया है। इस मामले में धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत रिपोर्ट दर्ज कराने और जांच की मांग की थी, आनंद कुमार का आवेदन स्वीकार करते हुए न्यायालय ने प्राथमिक की दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए हैं। आनंद कुमार ने आरोप लगाया है कि सैनिक सिक्योरिटी सर्विसेज़ ने उनके पीएफ का घोटाला किया और उनका वेतन हड़प लिया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शिकायत करने पर उन्हें धमकाया गया और गाली-गलौज की गई।
आनंद कुमार, गोंडा जिले के हरखापुर गाँव के निवासी हैं। उन्हें 23 अक्टूबर 2017 को सैनिक सिक्योरिटी सर्विसेज़ में गनमैन के पद पर नियुक्त किया गया था। नियुक्ति के बाद उन्हें इलाहाबाद बैंक (जो अब इंडियन बैंक के नाम से जाना जाता है) की रानी बाजार शाखा, गोंडा में तैनात किया गया। अपनी नियुक्ति के बाद, आनंद कुमार ने 31 मार्च 2023 तक लगातार इस शाखा में अपनी सेवाएं दीं।
पीएफ घोटाला और वेतन हड़पने का आरोप
आनंद कुमार के अनुसार, सैनिक सिक्योरिटी सर्विसेज़ के मालिक गौरव सिंह ने उनकी मेहनत की कमाई का घोटाला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि 16 दिसंबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक का वेतन उन्हें नहीं दिया गया। जब भी वह वेतन के बारे में बात करते थे, तो गौरव सिंह उन्हें यह कहकर टालते रहे कि इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक सुधांशु श्रीवास्तव ने वेतन का भुगतान नहीं किया है। जब आनंद कुमार ने इस मामले में सुधांशु श्रीवास्तव से संपर्क किया, तो उन्होंने भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और लगातार “आज-कल” कहकर टालते रहे।
आनंद कुमार ने जब अपना पीएफ स्टेटमेंट निकलवाया, तो उन्हें यह जानकर बड़ा झटका लगा कि सैनिक सिक्योरिटी सर्विसेज़ ने उनके पीएफ खाते में पूरा पैसा जमा नहीं किया है। उनके UAN में जमा राशि अधूरी थी, जिससे साफ पता चलता है कि उनका पीएफ फंड घोटाले की भेंट चढ़ चुका है।
बैंक और कंपनी की मिलीभगत
आनंद कुमार का आरोप है कि गौरव सिंह और इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक सुधांशु श्रीवास्तव ने आपसी सांठगांठ से उनके पीएफ और वेतन का गबन किया है। उन्होंने बताया कि कई बार दोनों से वेतन और पीएफ का निपटारा करने के लिए संपर्क किया गया, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिलते रहे।
16 नवंबर 2023 को आनंद कुमार ने एक बार फिर से रानी बाजार शाखा में जाकर शाखा प्रबंधक सुधांशु श्रीवास्तव से अपने वेतन के भुगतान के लिए अनुरोध किया, लेकिन शाखा प्रबंधक ने स्पष्ट रूप से कह दिया कि वह इस मामले में कुछ नहीं कर सकते और उन्हें गौरव सिंह से बात करने के लिए कहा।
धमकी और गाली-गलौज
आनंद कुमार ने बताया कि 17 नवंबर 2023 को गौरव सिंह गोंडा के कार्यालय में आए थे, जहां उनसे वेतन और पीएफ के बकाया की बात की गई। इस पर गौरव सिंह भड़क उठे और गाली-गलौज करने लगे। उन्होंने आनंद कुमार को जान से मारने की धमकी दी और कहा कि न तो वे बकाया वेतन देंगे और न ही पीएफ की राशि का कोई भुगतान करेंगे।
आनंद कुमार ने जब इस संबंध में थाना कोतवाली नगर, गोंडा में तहरीर दी, तो पुलिस ने उन्हें सलाह दी कि वे उच्चाधिकारियों और संबंधित अधिकारियों से इस मामले में शिकायत करें। इसके बाद, उन्होंने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में धारा 156 (3) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज कराने का आवेदन किया।
आनंद कुमार ने अदालत से अनुरोध किया था कि गौरव सिंह और सुधांशु श्रीवास्तव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और उनके बकाया वेतन और पीएफ की राशि का भुगतान कराया जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि इस मामले की जांच कराई जाए, ताकि उनके साथ हुए अन्याय का पर्दाफाश हो सके, न्यायालय ने उनके आवेदन को स्वीकार करते हुए एफआईआर दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए हैं
सैनिक सिक्योरिटी सर्विसेज़ के घोटाले की व्यापकता
यह मामला अकेले आनंद कुमार का नहीं है, बल्कि यह एक बड़ी समस्या का संकेत हो सकता है। अक्सर ऐसी कंपनियाँ, जो सुरक्षा सेवाएं प्रदान करती हैं, अपने कर्मचारियों का पीएफ और वेतन समय पर नहीं देतीं। इस तरह की अनियमितताओं का शिकार कई कर्मचारी होते हैं, जिन्हें अपनी आवाज उठाने का मौका नहीं मिलता।
सैनिक सिक्योरिटी सर्विसेज़ जैसी कंपनियाँ अक्सर ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन और पीएफ का भुगतान समय पर नहीं करतीं। इन कर्मचारियों की आवाज अक्सर दबा दी जाती है, क्योंकि वे कमजोर आर्थिक स्थिति में होते हैं और उन्हें कानूनी कार्रवाई का रास्ता चुनने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
आनंद कुमार का यह मामला एक उदाहरण है कि कैसे कुछ कंपनियां और बैंक कर्मचारियों के वेतन और पीएफ के साथ खिलवाड़ करते हैं। यह केवल एक व्यक्ति की कहानी नहीं है, बल्कि एक व्यापक समस्या का हिस्सा है, जिसका समाधान जरूरी है।