ग्राम प्रधान और अधिकारियों पर सरकारी धन के दुरुपयोग का गंभीर आरोप, जांच में लापरवाही से बढ़ी समस्या
गोंडा, उत्तर प्रदेश (2024): उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के ग्राम सभा सेमरी में गोसाईं बाबा तालाब जल भराई परियोजना के संबंध में भ्रष्टाचार और सरकारी धन के दुरुपयोग का एक बड़ा मामला सामने आया है। इस मामले में गांव के एक निवासी, पवन कुमार पांडे ने तत्कालीन ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी और खंड विकास अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पवन कुमार का कहना है कि उन्होंने निःस्वार्थ भावना से तालाब की जल भराई का कार्य अपने स्वयं के खर्च पर किया, लेकिन ग्राम प्रधान और अधिकारियों ने इस कार्य का श्रेय लेकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया। न्यायालय के आदेश पर ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत अधिकारी और खंड विकास अधिकारी के ऊपर परसपुर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है
वर्ष 2018-19 के दौरान, ग्राम प्रधान और पंचायत अधिकारियों ने सरकारी धन से गोसाईं बाबा तालाब जल भराई का कार्य दिखाया। पवन कुमार पांडे का कहना है कि मई और जून माह में उन्होंने अपने निजी इंजन, बोरिंग और पाइप के माध्यम से तालाब भराई का कार्य किया था। इस प्रक्रिया में उनके लगभग 4000 रुपये का व्यक्तिगत खर्च हुआ था। उन्होंने यह कार्य निःस्वार्थ भावना से और बिना किसी लालच के किया था।
लेकिन, ग्राम पंचायत और प्रधान द्वारा तालाब भराई के लिए सरकारी खजाने से 21,900 रुपये का दावा कर लिया गया। पवन कुमार का आरोप है कि यह धनराशि उनके द्वारा किए गए कार्य को दर्शाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है।
इस अनियमितता को लेकर पवन कुमार पांडे ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी मांगी। खंड विकास अधिकारी परसपुर, गोंडा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2018-19 में गोसाईं बाबा तालाब की जल भराई के लिए 21,900 रुपये खर्च किए गए थे। यह जानकारी पवन कुमार के लिए चौंकाने वाली थी क्योंकि उन्होंने स्वयं यह कार्य अपने खर्च पर किया था।
इसके बाद, पवन कुमार ने कई बार ग्राम प्रधान और पंचायत अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
पवन कुमार पांडे ने इस मामले की जांच के लिए मुख्य विकास अधिकारी और जिला अधिकारी से बार-बार अनुरोध किया। हालांकि, उनकी शिकायतों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
खंड विकास अधिकारी, मो. राजिद खान द्वारा इस मामले की जांच की गई, लेकिन पवन कुमार का आरोप है कि जांच में भी गड़बड़ी की गई। उन्होंने कहा कि ए.डी.ओ. (कृषि) द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट में भी सही तथ्य छुपाए गए और गलत जानकारी उच्च अधिकारियों को भेजी गई। पवन कुमार ने बार-बार जन सूचना के माध्यम से सही जानकारी मांगी, लेकिन उन्हें वास्तविक रिपोर्ट नहीं मिली।
पवन कुमार पांडे का आरोप है कि ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी और खंड विकास अधिकारी मिलकर सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों ने उनके द्वारा किए गए कार्य का श्रेय लेकर सरकारी धन से भुगतान कर दिया।
पवन कुमार का कहना है कि जब उन्होंने खंड विकास अधिकारी से इस मामले में बात की, तो उन्हें टालमटोल किया गया और सही जवाब नहीं दिया गया। उन्हें यहां तक कहा गया कि “जिसकी सत्ता होती है, उसी का सबकुछ होता है” और उन्हें सलाह दी गई कि वे किसी दूसरे क्षेत्र में मेहनत करें।
पवन कुमार पांडे ने बताया कि उन्होंने इस मामले में कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायतें कीं, लेकिन हर बार उनकी शिकायतों को अनदेखा कर दिया गया। उन्हें इस बात पर भी संदेह है कि खंड विकास अधिकारी मो. राजिद खान भ्रष्टाचार में शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान और अधिकारियों द्वारा सरकारी धन का दुरुपयोग और उनके साथ किया गया छल स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार फैला हुआ है। पवन कुमार ने कहा कि उन्होंने अपनी मेहनत और निःस्वार्थ भावना से तालाब भराई का कार्य किया था, लेकिन अधिकारियों ने इसका लाभ उठाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया।
पवन कुमार पांडे ने इस मामले में स्थानीय पुलिस थाने में भी शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस से अपील की है कि ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी और खंड विकास अधिकारी के खिलाफ उचित जांच की जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
उनका कहना है कि इस तरह के भ्रष्टाचार से न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है, बल्कि उनकी मेहनत और निष्ठा के साथ भी धोखा किया गया है। पवन कुमार ने पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है और दोषियों को सजा दिलाने की अपील की है।
पवन कुमार पांडे ने बताया कि वह इस पूरे प्रकरण में लगातार संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक न्याय नहीं मिला है। उन्होंने कई बार अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन उन्हें सिर्फ असफलता ही हाथ लगी। पवन कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण उनके द्वारा किए गए कार्य का सही मान्यता नहीं मिली है और उनके साथ छल किया गया है।
उन्होंने न्याय की मांग करते हुए कहा कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उनकी मेहनत को मान्यता दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस मामले में उन्हें न्याय नहीं मिलता, तो वे आगे भी उच्च स्तर पर अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
यह मामला न केवल सरकारी धन के दुरुपयोग का उदाहरण है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का भी प्रतीक है। पवन कुमार पांडे ने अपनी ओर से पूरी ईमानदारी और निःस्वार्थ भावना से कार्य किया, लेकिन अधिकारियों ने उनकी मेहनत का लाभ उठाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया।
इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठते हैं। पवन कुमार ने बताया कि जब उन्होंने खंड विकास अधिकारी से जानकारी मांगी, तो उन्हें सही जानकारी देने से इनकार किया गया। इसके अलावा, उच्च अधिकारियों ने भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया।
प्रभात भारत विशेष
ग्राम प्रधान, पंचायत अधिकारी और खंड विकास अधिकारी पर सरकारी धन के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के आरोप गंभीर हैं। पवन कुमार पांडे का संघर्ष इस बात का प्रतीक है कि कैसे स्थानीय प्रशासनिक तंत्र में भ्रष्टाचार और लापरवाही आम हो गई है।
इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई आवश्यक है। अगर इस मामले को दबा दिया जाता है, तो यह न केवल सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला रहेगा, बल्कि भ्रष्टाचार को और बढ़ावा देगा।
पवन कुमार पांडे की न्याय की मांग न केवल उनके लिए, बल्कि ऐसे सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो निःस्वार्थ भावना से अपने समाज और देश के लिए कार्य कर रहे हैं। इस मामले में न्याय और सच्चाई की जीत होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह के भ्रष्टाचार के मामलों को रोका जा सके।

