
नगर कोतवाली के कोतवाल एक चौकी इंचार्ज और दो आरक्षी निलंबित
बहराइच 6 अक्टूबर। नगर में हाल ही में हुई एक बड़ी पुलिस छापेमारी ने जिले में फैले जुए के गोरखधंधे को उजागर कर दिया है। नाजिरपुरा क्षेत्र में स्थित एक बेकरी फैक्ट्री में चल रहे जुए के अड्डे पर छापेमारी के दौरान 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें मोटरसाइकिल, नकदी, अवैध असलहे और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई। इस छापेमारी के बाद जिला पुलिस प्रमुख द्वारा थाना प्रभारी मनोज कुमार पांडेय और चौकी प्रभारी नैपाल सिंह को निलंबित कर दिया गया, जबकि दो हेड कांस्टेबल, आनंद कुमार और विजय कुमार, को भी हटाया गया। यह कार्रवाई तब की गई जब स्थानीय पुलिस द्वारा बड़े पैमाने पर चल रहे जुए की जानकारी होने के बावजूद उचित कदम नहीं उठाए गए थे।
बहराइच में पुलिस सुरक्षा के बावजूद लंबे समय से जुए के अवैध धंधे की सूचना मिल रही थी। एसपी वृंदा शुक्ला को लगातार यह जानकारी मिल रही थी कि नाजिरपुरा इलाके में बेकरी फैक्ट्री की आड़ में बड़े पैमाने पर जुआ चलाया जा रहा है। स्थानीय पुलिस के कथित मिलीभगत के कारण जुए का यह गोरखधंधा तेजी से फलफूल रहा था। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी वृंदा शुक्ला ने एक विशेष योजना बनाई और छापेमारी की तैयारी की।
शुक्ला ने प्रशिक्षु सीओ हर्षिता तिवारी के नेतृत्व में एक विशेष संयुक्त टीम बनाई, जिसमें स्वाट (स्पेशल वेपन एंड टैक्टिक्स) टीम और ग्रामीण पुलिस शामिल थीं। इस अभियान को खासतौर पर स्थानीय पुलिस को सूचित किए बिना अंजाम दिया गया, ताकि छापेमारी से पहले किसी प्रकार की जानकारी लीक न हो सके।
टीम ने नाजिरपुरा क्षेत्र में स्थित बेकरी फैक्ट्री पर अचानक छापा मारा, जहां भारी मात्रा में जुआ खेला जा रहा था। पुलिस ने मौके से 12 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें विक्की खान, मुन्ना कुमार, आकाश साहू, प्रिंस तिवारी, मोहम्मद सनी, आरजू, जन्नू खान, चांद खान, हनीफ, शानू, हसीब और तबस्सुम शामिल हैं। पुलिस ने छापेमारी के दौरान मौके से दस मोटरसाइकिल, दो अवैध आग्नेयास्त्र, गोला-बारूद, 41,550 रुपये नकद, 13 मोबाइल फोन और ताश की गड्डियां जब्त कीं।
यह भी पता चला कि यह जुआ एक सपा (समाजवादी पार्टी) के सदस्य और जिला पंचायत सदस्य चुन्नन उर्फ गोगी के घर पर चल रहा था। चुन्नन के खिलाफ पहले से ही 22 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, और वह नगर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है। पुलिस ने चुन्नन की पत्नी को मौके पर ही .32 कैलिबर की अवैध पिस्तौल और जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, चुन्नन और कुछ अन्य लोग भागने में सफल रहे।
छापेमारी के बाद बहराइच की एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि पुलिस को लंबे समय से इस अवैध जुए के बारे में सूचना थी, लेकिन इसके बावजूद स्थानीय पुलिस ने इस पर कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया। इसी लापरवाही के चलते उन्होंने थाना प्रभारी कोतवाली मनोज कुमार पांडेय और चौकी प्रभारी बशीरगंज नैपाल सिंह को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही दो हेड कांस्टेबल आनंद कुमार और विजय कुमार को भी उनके पदों से हटा दिया गया। एसपी ने यह स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना से यह साफ हो गया है कि बहराइच में पुलिस की निष्क्रियता और कुछ मामलों में उनकी मिलीभगत ने जुए के इस अवैध कारोबार को पनपने का मौका दिया। नाजिरपुरा में जिस तरह से जुए का धंधा चल रहा था, वह स्थानीय पुलिस की आंखों के सामने ही फल-फूल रहा था।
ऐसे मामलों में पुलिस की जिम्मेदारी अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि वे कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तरदायी होते हैं। लेकिन जब उन्हीं पर जुए जैसे अपराधों को नजरअंदाज करने या उसमें भागीदार बनने का आरोप लगे, तो यह कानून व्यवस्था के लिए एक गंभीर संकट पैदा करता है।
यह छापेमारी एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है, क्योंकि इससे न केवल अपराधियों पर नकेल कसने का काम हुआ है, बल्कि उन पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की गई है, जो अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहे।
इस मामले में गिरफ्तार किए गए 12 लोगों पर जुआ अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। शुक्रवार को इन सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
छापेमारी के दौरान मिले सबूतों के आधार पर यह साफ है कि इस जुए के धंधे का दायरा काफी बड़ा था, और इसमें कई प्रभावशाली लोग शामिल थे। नकदी, मोटरसाइकिल, अवैध असलहे और ताश की गड्डियों का मिलना यह दर्शाता है कि यह एक सुनियोजित आपराधिक गतिविधि थी।
अवैध हथियारों की बरामदगी से यह सवाल भी खड़ा होता है कि क्या जुए के इस धंधे का संबंध अन्य आपराधिक गतिविधियों से भी है, और क्या इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह काम कर रहा है।
चुन्नन उर्फ गोगी, जिस पर 22 मुकदमे पहले से दर्ज हैं, इस जुए के धंधे का मुख्य संचालक माना जा रहा है। वह समाजवादी पार्टी का जिला पंचायत सदस्य भी है, और इसका मतलब है कि उसका राजनीतिक रसूख भी काफी बड़ा है।
पुलिस को लंबे समय से चुन्नन के आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होने की सूचना थी, लेकिन उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई न होने के कारण उसने बेखौफ होकर जुए का यह धंधा चलाया। इस घटना के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि चुन्नन और उसके सहयोगियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
इस छापेमारी के बाद स्थानीय जनता में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। एक ओर लोग पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर यह सवाल भी उठाए जा रहे हैं कि इतने लंबे समय तक यह अवैध गतिविधि कैसे चलती रही।
लोगों का कहना है कि यदि पुलिस पहले से सतर्क होती, तो इस तरह की घटनाओं को पहले ही रोका जा सकता था। इसके साथ ही, जनता को यह भी चिंता है कि क्या इस घटना के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली में कोई सुधार होगा या नहीं।
इस घटना के बाद एसपी वृंदा शुक्ला ने साफ कर दिया है कि वह बहराइच में किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेंगी, और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस मामले में शामिल अन्य अपराधियों, विशेषकर चुन्नन उर्फ गोगी, को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके साथ ही, अवैध जुए और अन्य अपराधों के खिलाफ जिले में सख्त कदम उठाए जाएंगे।
बहराइच में हुए इस बड़े पुलिस छापेमारी ने न केवल एक बड़े जुआ रैकेट का पर्दाफाश किया, बल्कि पुलिस प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार को भी उजागर किया। इस घटना के बाद पुलिसकर्मियों के खिलाफ हुई कार्रवाई ने यह संदेश दिया है कि अपराध और भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एसपी वृंदा शुक्ला की नेतृत्व में हुई इस छापेमारी से यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में जिले में इस तरह के अपराधों पर अंकुश लगाया जाएगा, और पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार होगा। जनता को भी अब इस बात की उम्मीद है कि पुलिस प्रशासन पहले से ज्यादा सतर्क रहेगा, और इस तरह की अवैध गतिविधियों के खिलाफ समय रहते सख्त कदम उठाएगा।