गोंडा, 3 अक्टूबर। मां के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाली एक दर्दनाक घटना ने पूरे गोंडा जिले को झकझोर कर रख दिया है। गोंडा जिले के परसपुर थाना क्षेत्र के अभईपुर ग्राम पंचायत के मेहरबान पूरवा गांव से यह दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां एक मां ने अपनी ही 8 माह की मासूम बेटी की निर्मम हत्या कर दी। पति के लगातार ताने सुनकर तंग आ चुकी मां ने अपने बेटी को सेफ्टी टैंक में डालकर मौत के घाट उतार दिया। घटना बीते शनिवार देर रात की है, जब मां ने मासूम बच्ची को घर के पीछे स्थित सेफ्टी टैंक में जिंदा डाल दिया।
यह घटना तब घटित हुई जब शनिवार रात करीब 11:30 बजे मां जगमती ने अपनी बेटी शगुन को घर के पीछे बने सेफ्टी टैंक में डाल दिया। इसके एक घंटे बाद, रात 12:30 बजे, उसने परिजनों को सूचना दी कि किसी जंगली जानवर ने उनकी बच्ची को उठा लिया है। इस खबर से पूरे परिवार में हड़कंप मच गया और तुरंत ही पुलिस को सूचना दी गई।
सूचना मिलने के बाद परसपुर थाने की पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। डॉग स्क्वॉड और फोरेंसिक टीमों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन जंगली जानवर द्वारा बच्ची को उठाने के कोई प्रमाण नहीं मिले। लगभग 40 घंटे बाद, जब घर के पीछे स्थित सेफ्टी टैंक का पानी पंपसेट के जरिए निकाला गया, तब मासूम बच्ची का शव टैंक में पड़ा हुआ मिला।
बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया, जिसमें यह पुष्टि हुई कि उसकी मौत डूबने से हुई थी। इससे यह स्पष्ट हो गया कि जंगली जानवर द्वारा बच्ची को उठाने की बात एक झूठ थी, जिसे मां ने सच्चाई छिपाने के लिए गढ़ा था। पुलिस द्वारा की गई जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से मामले की सच्चाई सामने आई।
पुलिस ने शक के आधार पर जब आरोपी मां जगमती से पूछताछ की, तो उसने पूरे अपराध को स्वीकार कर लिया। जगमती ने बताया कि उसका पति माताफेर पिछले एक साल से मुंबई में रहकर मजदूरी करता था और बेटी के जन्म के बाद से ही उसे ताने मार रहा था। माताफेर का आरोप था कि शगुन उसकी बेटी नहीं हो सकती, और इसी को लेकर दोनों के बीच अक्सर झगड़े होते थे।
घटना वाले दिन भी, पति ने जगमती को फोन पर पांच बार बात की थी और आखिरी बार दोनों के बीच 40 मिनट लंबी बातचीत हुई थी। इस दौरान भी पति ने बेटी को लेकर ताने मारे, जिससे जगमती मानसिक रूप से परेशान हो गई थी।
आखिरकार, शनिवार रात को गुस्से में आकर उसने अपनी सोती हुई बेटी को उठाया और सेफ्टी टैंक में डालकर उसकी जान ले ली। इसके बाद, घटना को छुपाने के लिए उसने यह अफवाह फैलाई कि कोई जंगली जानवर बच्ची को उठा ले गया है।
मासूम बच्ची की हत्या के बाद, उसके बाबा सीताराम गौतम ने परसपुर थाने में अपनी बहू जगमती के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर जगमती के खिलाफ हत्या की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
गोंडा के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि शनिवार रात परसपुर थाने को बच्ची के गायब होने की सूचना मिली थी। परिवार ने आशंका जताई थी कि बच्ची को कोई जंगली जानवर उठा ले गया है। मौके पर वन विभाग और पुलिस की टीमों ने सघन तलाशी अभियान चलाया, लेकिन बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला।
सोमवार 30 सितंबर को, पुलिस ने शक के आधार पर घर के पीछे स्थित सेफ्टी टैंक का पानी खाली कराया, तब बच्ची का शव बरामद हुआ। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डूबने से मौत की पुष्टि हुई।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जब आरोपी मां जगमती से पूछताछ की गई, तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि पति के तानों से परेशान होकर उसने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया। पति माताफेर पिछले एक साल से मुंबई में रह रहा था और बच्ची के जन्म के बाद से ही वह जगमती को बेटी को लेकर अपमानित करता रहता था। इसी मानसिक तनाव के कारण जगमती ने अपनी 8 माह की बेटी शगुन को मौत के घाट उतार दिया।
यह घटना न केवल एक मां के पवित्र रिश्ते को कलंकित करती है, बल्कि हमारे समाज में फैले मानसिक तनाव और पारिवारिक कलह के दुष्परिणामों को भी उजागर करती है। गोंडा की यह घटना सभी के लिए एक कड़ी चेतावनी है कि पारिवारिक विवादों और मानसिक दबाव को कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। पुलिस ने आरोपी मां को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच जारी है।

