ऐसे डॉक्टर से तो भगवान बचाए
मेरठ 30 सितंबर। उत्तर प्रदेश के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एक सरकारी डॉक्टर ने एक 18 वर्षीय लड़की का इलाज करते हुए उसके सर में लगी चोट पर टांके लगाते समय कथित तौर पर 1 इंच लंबी सर्जिकल सुई उसके सिर के अंदर ही छोड़ दी। सर में दर्द होने पर मां के साथ एक निजी अस्पताल पहुंचने पर चोट से पट्टी हटाई गई और पट्टी हटते ही वहां मौजूद डॉक्टर और उस लड़की के परिजन आश्चर्यचकित रह गये। हापुड़ के गढ़ में पड़ोसियों के साथ हाथापाई के दौरान लगी गहरी चोट पर इलाज के लिए लड़की परिजनों के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी। लड़की के परिवार द्वारा मामला उठाए जाने के बाद, हापुड़ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील त्यागी ने घटना की जांच के लिए सोमवार को दो सदस्यीय टीम गठित की। लड़की की मां मीना बेगम ने कहा कि सीएचसी का डॉक्टर शराब के नशे में था और उसकी लापरवाही के कारण ही उसकी बेटी सितारा को इतनी तकलीफ हुई। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि ऐसी ही स्थिति किसी और के साथ हो। हम डॉक्टर के खिलाफ तत्काल कार्रवाई चाहते हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुनील त्यागी ने कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से मामले की जानकारी मिली और उन्होंने परिवार के इस आरोप का खंडन किया कि सीएचसी का डॉक्टर नशे में था। उन्होंने बताया कि जिले में कोई भी डॉक्टर शराब नहीं पीता। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद हम आवश्यक कदम उठाएंगे। सितारा को पिछले सप्ताह रॉड से चोट लगने के बाद स्थानीय पुलिस मेडिकल जांच के लिए सीएचसी ले गई थी। उसके माथे पर तीन इंच का घाव था और सीएचसी में उसे कई टांके लगाने पड़े। उसके सिर पर भी भारी पट्टी बंधी हुई थी। हालांकि, इसके तुरंत बाद सितारा को जब भी सिर और गर्दन हिलाने की कोशिश की तो उसे तेज दर्द होने लगा। दर्द जारी रहने पर उसके परिजन उसे रविवार को एक स्थानीय निजी अस्पताल ले गए। वहां, जब टांके हटाए गए तो सभी को आश्चर्य हुआ कि लड़की के सिर के अंदर एक सर्जिकल सुई थी। बेटी के सिर के घाव पर फिर से पट्टी बांधी गई। अब उसकी हालत स्थिर है।

