
नई दिल्ली, 30 सितंबर। महाराष्ट्र सरकार की तरफ से गाय के महत्व पर विचार करते हुए उन्हें राज्य माता की उपाधि दी है राज्य सरकार ने यह एक अधिसूचना जारी कर घोषित किया है महाराष्ट्र सरकार ने अपनी अधिसूचना में बताया है कि महाराष्ट्र सरकार ने वैदिक काल से ही देशी गायों के महत्व जैसे कारकों पर विचार करते हुए उनके कल्याण को बढ़ावा देने के लिए उन्हें ‘राज्यमाता-गोमाता’ की उपाधि दी है। राज्य कृषि, डेयरी विकास, पशुपालन और मत्स्य पालन विभाग द्वारा जारी सरकारी संकल्प में कहा गया है कि मानव पोषण में देशी गाय के दूध का महत्व, आयुर्वेदिक और पंचगव्य उपचार और जैविक खेती में गाय के गोबर का उपयोग शामिल है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान गोशालाओं में इन गायों के पालन-पोषण के लिए 50 रुपये प्रतिदिन की सब्सिडी योजना लागू करने का निर्णय लिया है
महाराष्ट्र गोसेवा आयोग द्वारा इस पहल का उद्देश्य संघर्षरत गोशालाओं को सहायता प्रदान करना और देशी गायों की घटती जनसंख्या को रोकना है, जो 2019 के अनुसार 20.69% कम हुई है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा देशी गायें हमारे किसानों के लिए वरदान हैं इसलिए, हमने उन्हें राज्य माता का दर्जा देने का फैसला किया है। हमने गोशालाओं में देशी गायों के पालन-पोषण के लिए सहायता देने का भी फैसला किया है। इस योजना को गोसेवा आयोग द्वारा ऑनलाइन लागू किया जाएगा, जिसके तहत प्रत्येक जिले में एक जिला गोशाला सत्यापन समिति होगी। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों से पहले आया यह निर्णय भारतीय समाज में गाय के आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करता है।