
गोंडा(अतुल कुमार यादव)– एक बार फिर से मंडल के चारो जिलों गोंडा, बलरामपुर, बहराइच,श्रावस्ती में साल 2010 से अब तक हुईं 15 हजार शिक्षकों के नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा किए जाने की आशंका है। महानिदेशक के आदेश पर एडी बेसिक शिक्षा देवीपाटन मण्डल ने अब नए सिरे से पूरे मामले की जांच का निर्देश चारों जिले के जिम्मेदारों को दिया है। हालांकि साल 2018 में भी चिह्नित चार जिलों में इस मामले की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी व अपर पुलिस अधीक्षक की संयुक्त जांच समिति बनी थी। बीच में ही एसटीएफ और मानव संपदा से जुड़े मामले सामने आने पर गठित समिति की जांच पूरी नहीं हो सकी थी। अब महानिदेशक स्कूली शिक्षा ने फिर से पूरे मामले की जांच कराने का आदेश जारी किया है।
पूरे मामले को लेकर सहायक शिक्षा निदेशक विनय मोहन वन की तरफ से सभी बीएसए को तत्काल जांच पूरी कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि इसके लिए 15 दिनों तक विशेष अभियान चला कर चिह्नित शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़े दस्तावेजों को पूरी सघनता से खंगाला जाए। मंडल में बीते सालों में मानव संपदा पोर्टल पर डाटा अपलोड होने के बाद से दो सौ शिक्षकों की नियुक्तियां फर्जी मिल चुकी हैं।
विभागीय अधिकारियों की माने तो परिषदीय विद्यालयों में फर्जी शिक्षकों की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने में बरती जा रही ढिलाई पर शासन स्तर से भी सख्त नाराजगी जताई जा चुकी है। इसके बाद ही अब मंडलीय परिक्षेत्र के चार जिलों में अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समितियों से 2010 के बाद हुई शिक्षकों की नियुक्तियों की जांच को 15 दिन में पूरा कर रिपोर्ट तैयार होगी। इसमें फर्जी तरह से नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों के खिलाफ सेवा समाप्ति, एफआईआर व वेतन वसूली की कार्रवाई भी तय होगी। कटऑफ से नियुक्ति तक के खेल पर नजर शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा पकड़ने के लिए अब कट-ऑफ मेरिट से चयनित सूची में आए अभ्यर्थियों के नाम के आधार पर जारी हुए नियुक्ति पत्रों की भी गहन जांच होगी। इसके साथ ही जारी हुए नियुक्ति पत्र के आधार पर सत्यापन के उपरांत वेतन पाने वाले शिक्षकों का मिलान होगा।
वहीं पूरे मामले को लेकर विनय मोहन वन सहायक शिक्षा निदेशक देवीपाटन मंडल ने बताया कि 15 दिन में जांच पूरी होने की उम्मीद की गई है। मंडल के चारों जिलों के बीएसए को निर्देश दिया गया है कि जांच के बनी समिति को अभिलेख उपलब्ध कराकर पूरे मामले की जांच में हर तरह का सहयोग प्रदान कराएं। यह विशेष जांच 15 दिनों में पूरी हो जाने की उम्मीद है।