
दुनिया के मजबूत अर्थव्यवस्था वाले 20 देशों के प्रमुखों की बहुप्रतीक्षित G-20 बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया को वह भरोसा दिलाया है जिसकी क्षमता आज सिर्फ भारत के पास ही है। कोरोना महामारी से कराहती और वैक्सीन का इंतजार करती दुनिया से पीएम मोदी ने कहा है कि भारत अगले वर्ष तक 500 करोड़ वैक्सीन डोज का उत्पादन करने के लिए तैयार है जिसका एक बड़ा हिस्सा दूसरे देशों को दिया जाएगा।
यही नहीं प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के ‘वन अर्थ वन हेल्थ’ विजन पर भी बात की जिसका जी-20 में विश्व के नेताओं ने स्वागत किया।मोदी ने कहा कि एक दूसरे की मदद किए बगैर आने वाली महामारियों का सामना करना मुश्किल होगा।
कोरोना महामारी के चलते दो साल बाद आमने-सामने की दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन शनिवार को इटली की राजधानी रोम में शुरू हुआ। सम्मेलन का एजेंडा जलवायु परिवर्तन, कोरोना के बाद आर्थिक सुधार और न्यूनतम वैश्विक कारपोरेट टैक्स व्यवस्था है।
मोदी की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय भारतीय दल भी सम्मेलन में शामिल हुआ। इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, एनएसए अजीत डोभाल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल शामिल हैं।
इस शिखर सम्मेलन में भारत के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के पीएम बोरिस जानसन समेत तुर्की, इटली, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, फ्रांस, जर्मनी, मेक्सिको, रूस, अर्जेंटीना, ब्राजील, आस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, चीन, यूरोपीय संघ, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया के शीर्ष नेता शामिल हुए हैं। चीन और रूस के राष्ट्रपति ने बैठक में वर्चुअल तरीके से हिस्सा लिया।
बैठक की तरफ से रविवार को संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया जाएगा। माना जा रहा है कि यह कोरोना महामारी के बाद की दुनिया की भावी आर्थिक नीति का एक रोडमैप होगा। कोरोना की वजह से पिछले साल की G-20 बैठक वर्चुअल तरीके से हुई थी। भारत वर्ष 2023 में G-20 बैठक की अध्यक्षता करेगा।
विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने विस्तार से बताया कि भारत पूरी दुनिया के लिए एक जैसी स्वास्थ्य व्यवस्था की क्यों वकालत करता है। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत की अब तक स्थिति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने दुनिया के 20 मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देशों के प्रमुखों को यह भी बताया कि संकट की इस घड़ी में भारत ने किस तरह से आगे आकर दूसरे देशों की मदद की। विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने पीएम मोदी की तरफ से दिए गए भाषण और बैठक में हुई चर्चा के बारे में प्रेस को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने सभी देशों को एक दूसरे की कोरोना वैक्सीन को मान्यता देने को लेकर प्रायोगिक कदम उठाने को कहा और साथ ही बहुराष्ट्रीय एजेंसियों से भी भारत जैसे देशों में निर्मित वैक्सीन को शीघ्रता से मंजूरी देने का आग्रह किया।
भारत में निर्मित कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की अभी मंजूरी नहीं मिल पाई है। दोनों पक्षों में बैठकों का दौर चल रहा है। मोदी ने कहा कि इस बारे में जल्दी फैसला होने से भारत के लिए दूसरे देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराना आसान होगा।
मोदी ने कहा कि भारत 100 करोड़ वैक्सीन अपने नागरिकों को दे चुका है और अगले वर्ष के अंत तक 500 करोड़ वैक्सीन बनाने को तैयार है। कोरोना काल में भारत ने तमाम बाधाओं के बावजूद 150 देशों को दवाइयों के साथ ही कई देशों को वैक्सीन मुहैया कराई हैं।
पीएम मोदी ने G-20 देशों के नेताओं के समक्ष भारत की आर्थिक संभावनाओं और इस संदर्भ में सरकार की तरफ से हाल में उठाए गए सुधारवादी कदमों को भी रखा। उन्होंने कोरोना काल में हेल्थ सेक्टर में सहयोग स्थापित करने के महत्व के साथ ही वैश्विक सप्लाई चेन में बदलाव की जरूरत को भी रेखांकित किया और सदस्य देशों को कहा कि सप्लाई चेन में उनके साथ सहयोग करने को भारत तैयार है।